दिल्ली में डीजल गाड़ियों का रजिस्ट्रेशन सिर्फ 10 साल तक के लिए होता है। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) ने इस नियम को लागू किया ताकि बढ़ते प्रदूषण पर लगाम लगाई जा सके। लेकिन हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने SPG (स्पेशल प्रोटेक्शन ग्रुप) के तीन खास डीजल वाहनों के रजिस्ट्रेशन की अवधि 5 साल बढ़ाने का आदेश दिया है। आइए, इसे आसान भाषा में समझते हैं।
NGT का नियम क्या कहता है?
दिल्ली में डीजल गाड़ियां सिर्फ 10 साल तक ही चल सकती हैं।
- ये नियम प्रदूषण को कम करने के लिए बनाया गया।
- इससे पुरानी गाड़ियों को हटाकर कम प्रदूषण फैलाने वाली गाड़ियों को बढ़ावा मिलता है।
सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा?
सुप्रीम कोर्ट ने SPG की याचिका पर फैसला देते हुए कहा कि:
- SPG के सुरक्षा तंत्र में शामिल 3 बख्तरबंद डीजल गाड़ियों की रजिस्ट्रेशन अवधि को 5 साल और बढ़ाया जाएगा।
- कोर्ट ने माना कि ये वाहन SPG की सुरक्षा और तकनीकी जरूरतों का अहम हिस्सा हैं।
क्यों लिया गया ये फैसला?
- SPG की याचिका में कहा गया कि ये खास गाड़ियां उनके सुरक्षा ऑपरेशन्स के लिए बेहद जरूरी हैं।
- बिना इन गाड़ियों के उनके काम में दिक्कतें आ सकती हैं।
- सुप्रीम कोर्ट ने इसको मानते हुए NGT के 10 साल वाले नियम से छूट दी।
किन गाड़ियों पर लागू होगा ये नियम?
- यह राहत सिर्फ SPG के तीन बख्तरबंद वाहनों को मिली है।
- आम जनता की गाड़ियों के लिए NGT का 10 साल वाला नियम लागू रहेगा।
NGT ने पहले मना कर दिया था
NGT ने 22 मार्च 2023 को SPG की इस याचिका को खारिज कर दिया था।
- NGT का कहना था कि ये नियम सभी पर समान रूप से लागू होना चाहिए।
- लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने SPG की सुरक्षा जरूरतों को ध्यान में रखते हुए उनके पक्ष में फैसला दिया।
दिल्ली वालों के लिए क्या है?
- अगर आपके पास डीजल गाड़ी है, तो उसे 10 साल बाद रजिस्ट्रेशन रिन्यू नहीं कराया जा सकता।
- आपको गाड़ी को या तो स्क्रैप करना होगा या दिल्ली से बाहर चलाना होगा।
सुप्रीम कोर्ट का ये फैसला सिर्फ SPG के लिए है। आम जनता को इससे राहत नहीं मिली है। दिल्ली वालों को अभी भी अपने डीजल वाहनों को 10 साल बाद अलविदा कहना होगा। लेकिन SPG जैसी सुरक्षा एजेंसियों के लिए इस तरह के कदम जरूरी हैं ताकि उनके काम में कोई बाधा न आए।