फर्जी सिम कार्ड और धोखाधड़ी वाले संदेशों के जरिए साइबर अपराध करने वालों की अब खैर नहीं। केंद्र सरकार ने ऐसे लोगों के खिलाफ सख्त कदम उठाने शुरू कर दिए हैं। अब इन नंबरों और नामों को ब्लैकलिस्ट में डाला जाएगा और इन्हें अपराधी माना जाएगा।
क्या होगा सजा का प्रावधान?
जो लोग फर्जी सिम का इस्तेमाल करते हैं या धोखाधड़ी वाले मैसेज भेजते हैं, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी।
- सिम खरीदने पर प्रतिबंध: अगर किसी पर फर्जी सिम का मामला साबित होता है, तो उसे 6 महीने से 3 साल तक सिम खरीदने से बैन कर दिया जाएगा।
- मुकदमा दर्ज होगा: बार-बार ऐसा करने पर उनके खिलाफ मुकदमा भी दर्ज कराया जाएगा।
नए नियमों के तहत क्या होगा?
दूरसंचार विभाग ने साइबर सुरक्षा के तहत नए नियम लागू किए हैं।
- नोटिस जारी: फर्जी सिम का पता लगने पर नोटिस जारी कर जवाब मांगा जाएगा।
- 7 दिन का समय: आरोपी को स्पष्टीकरण देने के लिए 7 दिन का वक्त मिलेगा।
- तत्काल कार्रवाई: अगर मामला गंभीर हुआ तो बिना नोटिस के भी तुरंत कार्रवाई की जा सकती है।
फर्जी सिम और संदेश भेजने वालों पर नजर
दूरसंचार विभाग के मुताबिक, फर्जी सिम कार्ड और मैसेज भेजने वालों की सख्त निगरानी की जाएगी।
- रिपोजिटरी ऑफ पर्सन: एक विशेष लिस्ट तैयार की जा रही है, जिसमें फर्जीवाड़ा करने वालों के नाम शामिल होंगे।
- डेटा सुरक्षा के उपाय: सिम वेरिफिकेशन प्रक्रिया को पहले से कड़ा कर दिया गया है और मैसेज ट्रैकिंग के उपाय भी लागू किए जा रहे हैं।
आदतन अपराधियों पर सख्त प्रावधान
अगर कोई व्यक्ति बार-बार फर्जी सिम या धोखाधड़ी वाले मैसेज के मामले में पकड़ा जाता है, तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई होगी।
- ब्लैकलिस्ट में नाम: ऐसे लोगों को ब्लैकलिस्ट में डालकर उनकी गतिविधियों पर रोक लगाई जाएगी।
- तत्काल कदम: जो व्यक्ति कई सिम का इस्तेमाल कर रहा है या लगातार साइबर अपराध कर रहा है, उस पर बिना किसी देरी के कार्रवाई होगी।