तुर्की में रविवार को आए भूकंप ने तबाही मचा दी है. इस भूंकप में 8 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 21 लोग घायल बताए जा रहे है. मरने वालों में तीन बच्चे भी शामिल है. हालांकि प्रशासन का मानना है कि अभी मौत का आंकड़ा और बढ़ सकता है क्योंकि कई लोग अभी भी मलबे के नीचे दबे हुए है.
तुर्की के वान प्रांत में 5.8 की तीव्रता पर आए इस भूंकप ने करीब 43 गांवों को अपनी चपेट में लिया. यहां की इमारतों को तहस-नहस कर दिया. तुर्की के गृह मंत्रालय के मुताबिक रविवार को आए इस भूकंप में 166 इमारतें ज़मीदोज़ हो गई.
एशिया में शक्तिशाली भूकंप के झटके महसूस किए गए जब देश की राजधानी जेग्राब को कोरोना वायरस के संक्रमण के मद्देनजर आंशिक तौर पर बंद रखा गया है. भूकंप की वजह से लोग घबरा गए और अस्पतालों को खाली कराना पड़ा. इस दौरान बड़े पैमाने पर क्षति पहुंची जिसमें राजधानी जगरेब का मशहूर गिरजा घर भी शामिल है. अधिकारियों ने बताया कि भूंकप की वजह से 15 साल की एक किशोरी की स्थिति नाजुक है जबकि 16 अन्य लोग घायल हैं. यूरोपीय भूकंप एजेंसी ईएमएससी ने बताया कि सुबह छह बजकर 23 मिनट पर 5.3 तीव्रता का
भूंकप जगरेब में आया और इसका केंद्र जगरेब के उत्तर में 10 किलोमीटर की गहराई में था. क्रोएशिया के प्रधानमंत्री आंद्रेज प्लेनकोविक ने कहा कि पिछले 140 साल में जगरेब में आया यह सबसे भयानक भूकंप है. यहां कई इमारतें क्षतिग्रस्त हो गई हैं. सड़कों पर मलबा बिखरा हुआ है. यह भूकंप ऐसे समय में आया है जब राजधानी में कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए आंशिक तौर पर बंद लागू किया गया है. लोगों को सार्वजनिक स्थलों पर जाने से बचने के लिए कहा गया था लेकिन भूकंप के दौरान लोगों के पास अपने घरों से निकल कर बाहर जाने के अलावा कोई विकल्प नहीं था.