ऑनलाइन फ्रॉड की दुनिया में एक नया स्कैम सामने आया है, जिसका नाम है “जम्प्ड डिपॉज़िट” स्कैम। यह खासतौर पर UPI यूज़र्स को निशाना बनाता है। इसमें फ्रॉडस्टर पहले आपके बैंक खाते में एक छोटी-सी रकम (₹1,000 से ₹5,000 तक) भेजते हैं। आप यह सोचकर अपना अकाउंट चेक करने लगते हैं कि शायद कोई रिफ़ंड या रिवॉर्ड आया है। लेकिन जैसे ही आप अपना PIN एंटर करते हैं, आपके खाते से Unauthorized Withdrawal हो जाता है।
स्कैम कैसे काम करता है?
- छोटी रकम का जमा होना: आपके बैंक खाते में अचानक ₹1,000 से ₹5,000 के बीच कोई रकम जमा की जाती है।
- जिज्ञासा में बैलेंस चेक करना: आप सोचते हैं कि ये पैसा कहाँ से आया? और अपना बैलेंस चेक करने या डिपॉज़िट वेरिफ़ाई करने लगते हैं।
- PIN डालते ही फँस जाते हैं: जैसे ही आप अपना PIN डालकर बैलेंस चेक करते हैं, उसी समय फ्रॉडस्टर की ओर से एक Withdrawal रिक्वेस्ट भी अप्रूव हो जाती है, और आपके अकाउंट से पैसे उड़ जाते हैं।
साइबर सिक्योरिटी एक्सपर्ट चेतन आनंद के मुताबिक, इस स्कैम में फ्रॉडस्टर किसी Personal Info के लिए नहीं पूछते, बल्कि यूज़र ख़ुद अपने PIN से ट्रांज़ैक्शन अप्रूव कर देता है। इसी वजह से यह स्कैम पकड़ में आना मुश्किल हो जाता है।
बचाव के उपाय
- अचानक जमा हुई रकम को तुरंत चेक न करें
- अगर आपके खाते में किसी अज्ञात सोर्स से पैसा आ जाता है, तो बैलेंस तुरंत चेक करने से बचें।
- कम से कम 30 मिनट का इंतज़ार करें, ताकि अगर कोई फ्रॉड ट्रांज़ैक्शन पेंडिंग हो, तो वह एक्सपायर हो जाए।
- शक हो तो गलत PIN डालकर देखें
- अगर आपको लगता है कि पैसे जमा होने की वजह संदिग्ध है, तो पहले जानबूझकर एक गलत PIN एंटर कर दें।
- ऐसा करने से अगर कोई Unauthorized रिक्वेस्ट है, तो वो फेल हो जाएगी।
- बैंक से वेरिफ़ाई करें
- किसी भी अनजान डिपॉज़िट के बारे में अपने बैंक से पुष्टि करें।
- कभी भी किसी को अपना PIN, OTP या दूसरी संवेदनशील जानकारी न दें, चाहे कॉल या मैसेज बैंक के नाम से ही क्यों न आए।
- नियमित रूप से अकाउंट चेक करें
- हर कुछ दिनों में अपने अकाउंट स्टेटमेंट पर नज़र डालते रहें।
- किसी भी संदिग्ध लेनदेन की जानकारी तुरंत बैंक को दें।
- साइबर सुरक्षा पर ध्यान दें
- UPI या ऑनलाइन पेमेंट ऐप्स को अपडेटेड वर्ज़न पर रखें।
- कभी भी संदिग्ध लिंक या ऐप इंस्टॉल न करें, जो आपके बैंकिंग ऐप्स को एक्सेस कर सकते हैं।