चुनाव आयोग के द्वारा वोटर कार्ड को लेकर नया फैसला लिया जा सकता है। कहा गया है कि जिस तरह पैन कार्ड को आधार कार्ड से जोड़ा गया था उसी तरह वोटर कार्ड को भी आधार कार्ड से जोड़ा जाएगा। चुनावी पारदर्शिता बढ़ाने के लिए यह फैसला लिया गया है। डुप्लीकेट वोटर्स की पहचान करने में अभी फिलहाल टिकट का सामना करना पड़ता है लेकिन एक बार वोटर आईडी कार्ड आधार कार्ड से जुड़ जाएगा तो पहचान आसानी से हो सकेगा।
अगले सप्ताह होगी बैठक
बता दें कि इस संबंध में यूआईडीएआई, गृह मंत्रालय और कानून मंत्रालय की अगले सप्ताह बैठक होने वाली है जिसमें इससे जुड़े अहम फैसले लिए जाएंगे। ऐसे में अगर वोटर कार्ड को आधार कार्ड से जोड़ दिया जाता है तो फर्जी और डुप्लीकेट वोटर्स की पहचान आसानी से हो सकेगी।
चुनाव आयोग के अनुसार कुछ राज्यों में गलत अल्फान्यूमेरिक सीरीज के कारण वोटर्स कार्ड में गड़बड़ी हुई है और एक ही नंबर दोबारा जारी कर दिया गया था। लोकतंत्र की रक्षा के लिए के लिए चुनावी पारदर्शिता जरूरी है।