दिल्ली शहर में प्रदूषण के बढ़ते स्तर के कारण कई निर्माण गतिविधियों पर पाबंदी लगाई गई है, जिससे हजारों श्रमिकों के सामने आर्थिक संकट की स्थिति उत्पन्न हो गई है। ऐसे में दिल्ली सरकार ने एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए इन प्रभावित श्रमिकों को आर्थिक सहायता देने का निर्णय लिया है।
श्रमिकों को आठ हजार रुपये की एकमुश्त आर्थिक मदद प्रदान करने की योजना बनाई गई है। सुप्रीम कोर्ट ने भी इस दिशा में सरकार को निर्देशित किया था, ताकि श्रमिकों को होने वाले आर्थिक नुकसान की भरपाई हो सके।
दिल्ली निर्माण श्रमिक कल्याण बोर्ड, जो हाल ही में गठित हुआ है, ने अपनी पहली बैठक में यह अहम फैसला लिया। आंकड़ों से पता चलता है कि फिलहाल दिल्ली में 90 हजार 759 मजदूर ऐसे हैं जो पंजीकृत हैं और लाभ पाने की न्यूनतम शर्तों को पूरा कर रहे हैं।
इस योजना के लिए श्रमिकों को 25 नवंबर तक जिला श्रम कार्यालयों में जाकर अपना पंजीकरण कराना होगा। श्रमिकों के विवरण की सत्यापन प्रक्रिया पूरी होने के बाद, उनका पैसा सीधे आधार लिंक बैंक खाते में स्थानांतरित किया जाएगा। इसके लिए उन्हें अपने पंजीकृत मोबाइल नंबर पर एसएमएस द्वारा जानकारी दी जाएगी।
इस पूरी प्रक्रिया का प्रारंभिक निर्देश जिला श्रम कार्यालयों को दे दिया गया है। हालांकि, प्रदूषण के चलते निर्माण कार्यों पर पूर्ण प्रतिबंध के कारण श्रमिकों की परेशानी बरकरार है। इसी मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट ने भी पहले सरकार से कड़े कदम उठाने की अपील की थी।