दुबई हमेशा से भारतीय पर्यटकों के लिए एक पसंदीदा गंतव्य रहा है। इसके चमचमाते आसमान छूते इमारतें, लक्ज़री शॉपिंग मॉल्स और अद्वितीय सांस्कृतिक अनुभव हर किसी को आकर्षित करते हैं। लेकिन हाल ही में दुबई ने अपने वीजा नियमों में कुछ बदलाव किए हैं, जो भारतीय यात्रियों के लिए महत्वपूर्ण हैं और उन्हें अपनी यात्रा की योजनाओं पर पुनर्विचार करने की आवश्यकता हो सकती है।
नए नियम और आवश्यक दस्तावेज
जो भारतीय यात्री दुबई में अपने परिवार या दोस्तों के साथ रहने की योजना बना रहे हैं, उन्हें अब कुछ अतिरिक्त दस्तावेज जमा करने की जरूरत होगी। नए नियमों के तहत, मेजबान के रेंटल एग्रीमेंट, एमिरेट्स आईडी, निवास वीजा की प्रति और संपर्क की जानकारी अनिवार्य रूप से प्रस्तुत करनी होगी। इसके अलावा, होटल बुकिंग और वापसी टिकट की जानकारी भी जरूरी हो गई है। यह उन यात्रियों के लिए चुनौतीपूर्ण साबित हो सकता है जो रिश्तेदारों के साथ रहकर यात्रा खर्च को कम करना चाहते हैं।
यात्रा की लागत प्रभाव
दुबई में होटल की कीमतें 20,000 रुपये से शुरू होकर 1 लाख रुपये प्रति रात तक हो सकती हैं। ऐसे में बिना किसी ताम-झाम के अपने परिवार या दोस्तों के साथ रहना हमेशा से यात्रियों के लिए एक सस्ती और आरामदायक विकल्प रहा है। अब, जब रिश्तेदारों से रेंटल और निवास संबंधी दस्तावेज मांगे जा रहे हैं, तो कुछ यात्री होटल में रुकने के लिए मजबूर हो सकते हैं, जिससे उनकी यात्रा की कुल लागत काफी बढ़ सकती है।
संभावित असर
इन बदलावों के कारण दुबई के पर्यटन क्षेत्र पर भी असर पड़ सकता है। विशेष रूप से, जो लोग परिवार से मिलने जाते हैं, वे अब अतिरिक्त दस्तावेजी औपचारिकताओं की वजह से अपनी यात्राओं के बारे में सोचना शुरू कर सकते हैं। यह संभव है कि इस साल क्रिसमस के दौरान दुबई जाने वाले भारतीय पर्यटकों की संख्या में कमी देखी जा सकती है।
दुबई का यह कदम उसके वार्षिक दुबई शॉपिंग फेस्टिवल के पूर्व में आया है, जो हर साल एक बड़ी संख्या में पर्यटकों को आकर्षित करता है। लेकिन वीजा नियमों के इन बदलावों ने भारतीय यात्रियों के लिए दुबई यात्रा को थोड़ा और जटिल बना दिया है। यात्रियों को अब सोच-समझकर अपनी छुट्टियों की योजना बनानी होगी।