भारत के आयकर ढांचे में सुधार की दिशा में उद्योग नेताओं ने कुछ महत्वपूर्ण बदलावों का प्रस्ताव दिया है। इन बदलावों का उद्देश्य करदाताओं पर वित्तीय बोझ को कम करना और मध्यवर्गीय परिवारों को राहत प्रदान करना है।
1. सीआईआई अध्यक्ष संजीव पुरी का प्रस्ताव
सीआईआई (कनफेडरेशन ऑफ इंडियन इंडस्ट्री) के अध्यक्ष संजीव पुरी ने 20 लाख रुपये तक की आय वाले व्यक्तियों को आयकर राहत देने का सुझाव दिया है। उनका मानना है कि मध्यवर्गीय परिवारों को वित्तीय सहायता मिलनी चाहिए, ताकि वे अपनी आर्थिक स्थिति को सुधार सकें और देश की आर्थिक वृद्धि में योगदान कर सकें।
2. पीएचडीसीसीआई के सीईओ रणजीत मेहता का प्रस्ताव
पीएचडीसीसीआई (पंजाब, हरियाणा, हिमाचल, दिल्ली चेम्बर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री) के सीईओ रणजीत मेहता ने एक नई कर स्लैब बनाने का सुझाव दिया है। उनके अनुसार:
- 50 लाख रुपये से ऊपर की आय पर 30% कर लगाया जाए।
- 15 लाख रुपये से 50 लाख रुपये तक की आय पर 20% से 25% कर लगे।
इस प्रस्ताव से दोनों, यानी करदाता और आर्थिक वृद्धि, को लाभ होने की संभावना है।
3. मौजूदा आयकर स्लैब (आयकर वर्ष 2024-25)
भारत में आयकर स्लैब के तहत अलग-अलग आय वर्गों के लिए अलग-अलग दरें निर्धारित की गई हैं। मौजूदा आयकर स्लैब इस प्रकार हैं:
सामान्य करदाताओं के लिए
- 2.5 लाख रुपये तक – कोई कर नहीं
- 2.5 लाख रुपये से 5 लाख रुपये तक – 5%
- 5 लाख रुपये से 10 लाख रुपये तक – 20%
- 10 लाख रुपये से अधिक – 30%
वरिष्ठ नागरिक (60 वर्ष और उससे अधिक उम्र) के लिए
- 3 लाख रुपये तक – कोई कर नहीं
- 3 लाख रुपये से 5 लाख रुपये तक – 5%
- 5 लाख रुपये से 10 लाख रुपये तक – 20%
- 10 लाख रुपये से अधिक – 30%
सुपर वरिष्ठ नागरिक (80 वर्ष और उससे अधिक उम्र) के लिए
- 5 लाख रुपये तक – कोई कर नहीं
- 5 लाख रुपये से 10 लाख रुपये तक – 20%
- 10 लाख रुपये से अधिक – 30%