बजट में आम निवेशकों के लिए लॉन्ग टर्म कैपिटल गैन और शॉर्ट टर्म कैपिटल गैन में बदलाव किया गया है जिसके बाद लोगों में निवेश को लेकर चर्चाएं तथा जुबानी जंग छिड़ी हुई हैं. इसमें बदलाव को लेकर बैंकिंग सेक्टर काफी उत्साह में है और कई बड़े विशेषज्ञों का कहना है कि यह एक जबरदस्त मौका है जब दोबारा से बैंकों में जमा पैसे बढ़ेंगे.
क्या हुआ है बदलाव पहले यह समझ लेते हैं.
- शॉर्ट-टर्म कैपिटल गेन टैक्स: सभी लिस्टेड इक्विटी इंस्ट्रूमेंट्स पर 15% से बढ़ाकर 20% कर दिया गया है।
- लॉन्ग-टर्म कैपिटल गेन टैक्स: लिस्टेड इक्विटी इंस्ट्रूमेंट्स और विशेष वित्तीय और गैर-वित्तीय संपत्तियों पर 10% से बढ़ाकर 12.5% कर दिया गया है।
- इंडेक्सेशन लाभ का समाप्ति: सभी संपत्तियों पर इंडेक्सेशन लाभ को हटा दिया गया है, जिससे मुद्रास्फीति समायोजन को समाप्त कर दिया गया है और कर का भार बढ़ गया है।