स्वदेशी तकनीक से तैयार हुई वंदे भारत स्लीपर ट्रेन ने अपने ट्रायल रन के दौरान 180 किमी प्रति घंटे की तेज़ रफ्तार छू ली है। यह ट्रायल रन राजस्थान के कोटा डिविज़न में किया गया, जहाँ लगभग 30 किलोमीटर लंबे ट्रैक पर ट्रेन को दौड़ाया गया। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने इसका वीडियो शेयर किया, जिसमें ट्रेन तेज़ी से भागती हुई भी स्थिरता बनाए रखे हुए दिख रही है। माना जा रहा है कि फ़रवरी से इस ट्रेन को लंबी दूरी के रूटों पर चलाने की शुरुआत हो सकती है।
फ़रवरी से लंबी दूरी पर दौड़ने की तैयारी
यदि जनवरी के बाकी टेस्ट भी सफल रहते हैं, तो वंदे भारत स्लीपर ट्रेन आने वाले महीने से देशभर में लंबी दूरी वाले रूटों पर दौड़ने लगेगी। यह मौजूदा वंदे भारत एक्सप्रेस का स्लीपर वर्ज़न है, जो रात में सफर करने वाले यात्रियों के लिए बेहद फ़ायदेमंद साबित होगा। यात्रियों को तेज़ गति के साथ-साथ आरामदायक स्लीपर कोचों का भी फ़ायदा मिलेगा, जिससे सफ़र का समय कम होगा और उन्हें रातभर आराम करने की सुविधा मिलेगी।
आरामदायक सुविधाओं का खास ख़्याल
वंदे भारत स्लीपर ट्रेन में आधुनिक टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किया गया है, ताकि तेज़ रफ्तार पर भी झटके कम महसूस हों। इसके अलावा, कोच में बेहतर सस्पेंशन, मोबाइल चार्जिंग प्वाइंट, और साफ़-सुथरे वॉशरूम जैसी तमाम सुविधाओं का इंतज़ाम किया गया है। रेल मंत्री वैष्णव द्वारा शेयर किए गए वीडियो में पानी से भरा गिलास ट्रेन के अंदर रखा गया, जो 180 की स्पीड पर भी इधर-उधर नहीं लुढ़का। यह साफ़ इशारा है कि ट्रेन तेज़ चलने के बावजूद स्थिर बनी रहती है।
कैसे हुआ तेज़ रफ्तार का ट्रायल?
इस ट्रायल के लिए रेलवे ने राजस्थान के कोटा सेक्शन के एक ट्रैक को चुना, जहाँ अपेक्षाकृत सीधा और लंबा रास्ता मिलता है। विशेषज्ञों की टीम ने ट्रेन की स्पीड, ब्रेकिंग सिस्टम और कोच की स्थिरता की जाँच की। इस दौरान ट्रेन को 180 किमी/घंटा तक ले जाया गया। ट्रायल रन पूरा होने के बाद अधिकारी अब अंतिम रिपोर्ट तैयार करेंगे, ताकि किसी तकनीकी सुधार की ज़रूरत होने पर उसे फ़रवरी से पहले ही पूरा कर लिया जाए।
भारत में हाई-स्पीड ट्रेन नेटवर्क का विस्तार
वंदे भारत स्लीपर ट्रेन, वंदे भारत एक्सप्रेस के सफ़ल मॉडल के बाद देश में हाई-स्पीड ट्रेन नेटवर्क के विस्तार की ओर एक और बड़ा कदम है। रेलवे बोर्ड के एक सीनियर अफ़सर के मुताबिक़, सरकार की मंशा है कि आने वाले समय में देश के ज़्यादा से ज़्यादा हिस्सों को तेज़ रफ्तार और आरामदायक ट्रेन सेवा से जोड़ा जाए। इससे न केवल यातायात में सहूलियत बढ़ेगी, बल्कि लोगों का सफ़र भी सुगम, तेज़ और सुरक्षित हो जाएगा।