भारत की स्टार पहलवान विनेश फोगाट के लिए एक बड़ी खबर आई है। कोर्ट ऑफ आर्बिट्रेशन फॉर स्पोर्ट (CAS) ने पेरिस ओलंपिक से उनकी अयोग्यता के खिलाफ उनकी अपील को स्वीकार कर लिया है। इस सुनवाई के बाद उनके मामले में अंतरिम फैसला जल्द आने की उम्मीद है। यह मामला इसलिए चर्चा में है क्योंकि विनेश फोगाट को पेरिस ओलंपिक में महिलाओं के 50 किलोग्राम वर्ग से उस समय अयोग्य घोषित कर दिया गया था जब वह अमेरिकी पहलवान सारा हिल्डब्रांट के खिलाफ गोल्ड मेडल मुकाबले के लिए तैयार हो रही थीं।
सुनवाई और फैसला 🕒
सुनवाई पेरिस समयानुसार सुबह 9:30 बजे (भारतीय समयानुसार दोपहर 1 बजे) से शुरू होने की संभावना है और अंतरिम फैसला लगभग एक घंटे के भीतर आ सकता है। विनेश फोगाट ने अपील की थी कि उन्हें संयुक्त रूप से सिल्वर मेडल दिया जाना चाहिए, लेकिन अभी अंतिम फैसला आना बाकी है।
IOA की पहल: हरीश साल्वे की नियुक्ति
इस मामले में भारतीय ओलंपिक संघ (IOA) ने भारत के शीर्ष वकील हरीश साल्वे को विनेश फोगाट का केस लड़ने के लिए नियुक्त किया है। हरीश साल्वे ने खुद इस बात की पुष्टि की है कि वे इस मामले में भारतीय ओलंपिक संघ के साथ जुड़े हैं। IOA का प्रारंभिक कानूनी तर्क है कि विनेश का 100 ग्राम अतिरिक्त वजन कोई बड़ा लाभ नहीं था, बल्कि यह एक “अत्यधिक नगण्य” और “ब्लोटिंग” का परिणाम था।
विनेश फोगाट का संन्यास
इस अयोग्यता के बाद, विनेश फोगाट ने कुश्ती से संन्यास लेने की घोषणा कर दी। उन्होंने CAS में अपने अयोग्यता के खिलाफ अपील की थी, लेकिन इस बीच उन्होंने कुश्ती से अपने संन्यास की घोषणा कर दी। विनेश फोगाट ने भारत की पहली महिला पहलवान बनकर इतिहास रच दिया था, जिन्होंने अपने वर्ग में गोल्ड मेडल मुकाबले तक पहुंचने में सफलता पाई थी।
अब सभी की नजरें CAS के अंतिम फैसले पर हैं