सरकार ने नए बजट में संपत्ति बेचने पर मिलने वाले इंडेक्सेशन लाभ को खत्म कर दिया है। इसका मतलब है कि अब आपको संपत्ति बेचने पर ज़्यादा टैक्स देना होगा।
क्या है इंडेक्सेशन लाभ?
इंडेक्सेशन एक ऐसा तरीका है जिससे महंगाई के हिसाब से संपत्ति की खरीद कीमत को बढ़ाकर देखा जाता है। इससे टैक्स की गणना के लिए आपका मुनाफ़ा कम हो जाता था और आपको कम टैक्स देना पड़ता था।
उदाहरण से समझें:
मान लीजिए आपने 2001 में 100 रुपये में कोई संपत्ति खरीदी और 2024 में 500 रुपये में बेची। पहले इंडेक्सेशन के हिसाब से महंगाई को जोड़कर आपका असली मुनाफ़ा कम हो जाता था और आपको कम टैक्स देना होता था। लेकिन अब आपको पूरे 400 रुपये के मुनाफ़े पर टैक्स देना होगा।
सरकार ने क्यों हटाया इंडेक्सेशन?
सरकार का कहना है कि इससे टैक्स की गणना करना आसान हो जाएगा। लेकिन इससे संपत्ति में निवेश करने वालों को नुकसान होगा क्योंकि उन्हें ज़्यादा टैक्स देना पड़ेगा।
रियल एस्टेट जानकारों की राय:
रियल एस्टेट से जुड़े लोग इस बदलाव को बड़ा मान रहे हैं। उनका मानना है कि भले ही टैक्स की दर कम हुई है, लेकिन इंडेक्सेशन हटने से संपत्ति के लेन-देन पर बोझ बढ़ सकता है।
आने वाले समय में इस नए बदलाव के वजह से ये रियल एस्टेट सेक्टर में कैश कारोबार में बढ़ोतरी देखने को मिल सकती है और इसके साथ ही बैंक इन ब्लैक मनी इत्यादि को भी बढ़ावा देखने को मिलेगा.