नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने केंद्रीय कर्मचारियों के लिए नई एकीकृत पेंशन योजना (Unified Pension Scheme) का मसौदा तैयार कर लिया है। यह योजना 1 अप्रैल से लागू हो सकती है, जिसमें एनपीएस (NPS) का विकल्प भी खुला रहेगा। कर्मचारियों को एक नया पोर्टल उपलब्ध कराया जाएगा, जहाँ वे अपनी पेंशन योजना चुन सकेंगे। सरकार का लक्ष्य है कि 31 मार्च 2024 तक इसकी रूपरेखा और प्रक्रिया पूरी कर ली जाए, ताकि सभी कर्मचारी समय पर अपना निर्णय ले सकें।
मुख्य बिंदु
- कम से कम 10 साल की सेवा
- इस एकीकृत पेंशन योजना के तहत पेंशन का लाभ लेने के लिए कर्मचारी को कम से कम 10 साल की नौकरी पूरी करनी होगी।
- योगदान संरचना
- कर्मचारी को बेसिक पे (मूल वेतन) का 10% योगदान करना होगा।
- सरकार की तरफ से 18.5% का योगदान होगा।
- इस तरह कुल योगदान 28.5% तक पहुँच जाएगा।
- मासिक पेंशन
- योजना के तहत एक लाख रुपये प्रति माह तक की पेंशन संभव हो सकेगी, बशर्ते कर्मचारी की सैलरी-योगदान आदि मानदंडों को पूरा करता हो।
- बीआऱएस (VRS) लेने पर नियम
- जो कर्मचारी वीआरएस (Voluntary Retirement Scheme) ले चुके हैं या OPS (पुरानी पेंशन योजना) से रिटायर हुए हैं, उन्हें इस एकीकृत पेंशन स्कीम के प्रावधानों का लाभ लेने के लिए कुछ समय इंतज़ार करना होगा।
- 25 साल की सेवा पूरी करने वाले कर्मचारी को 60 साल तक की आयु के बीच नई स्कीम में टॉप-अप विकल्प मिल सकता है।
- चुनने की आज़ादी
- जिन कर्मचारियों का रुझान एनपीएस में बने रहने का है, वे इसे जारी रख सकते हैं।
- जो कर्मचारी नई एकीकृत पेंशन योजना में आना चाहते हैं, वे नए पोर्टल पर जाकर अपना विकल्प चुनेंगे।
पेंशन चुनने की प्रक्रिया
- सरकार एक पोर्टल तैयार कर रही है, जहाँ कर्मचारी अपनी सेवा-सम्बंधित जानकारी भरकर पेंशन योजना का विकल्प चुन सकेंगे।
- जो भी बदलाव कर्मचारी करना चाहेंगे, वह अंतिम तिथि तक कर सकेंगे।
- इसके बाद उनकी पेंशन योजना अंतिम रूप से लॉक हो जाएगी।
इस नई व्यवस्था से केंद्रीय कर्मचारियों के पास पेंशन को लेकर बेहतर विकल्प होंगे। जो पुरानी पेंशन स्कीम (OPS) से संतुष्ट हैं, वे उसे जारी रख सकते हैं, जबकि दूसरे एनपीएस या नई एकीकृत पेंशन योजना का लाभ उठा सकेंगे। सरकार का मानना है कि इससे सेवानिवृत्त कर्मचारियों के भविष्य को आर्थिक रूप से सुरक्षित करने में मदद मिलेगी।