वर्तमान में शेयर बाजार कई चुनौतियों से जूझ रहा है। ट्रंप टैरिफ, कमजोर कॉर्पोरेट अर्निंग्स और विदेशी निवेशकों (FII) के पलायन से निवेशकों के लिए सही स्टॉक चुनना मुश्किल हो गया है। ऐसे समय में निवेशकों का ध्यान उन शेयरों पर केंद्रित हो गया है जो या तो कम अस्थिरता (low volatility) वाले हैं या उच्च गुणवत्ता (high quality) वाले हैं।
हालांकि, पिछले एक साल में Nifty 100 Low Volatility 30 Index 1% गिरा है और Nifty 200 Quality 30 Index 2% गिरा है। यहां तक कि Nifty 50 भी इसी अवधि में 0.15% नीचे है। इस स्थिति में, कम अस्थिरता और उच्च गुणवत्ता वाले स्टॉक्स ने भी अच्छा प्रदर्शन नहीं किया।
मिड-कैप हेल्थकेयर स्टॉक्स का शानदार प्रदर्शन
कम अस्थिरता वाले मिड-कैप स्टॉक्स ने निवेशकों को सबसे अच्छे रिटर्न दिए हैं। खासतौर पर हेल्थकेयर सेक्टर (फार्मा, अस्पताल और पैथोलॉजी लैब्स) में कई कंपनियों ने बेहतरीन प्रदर्शन किया है।
- Nifty Mid/Small Cap Healthcare Index पिछले एक साल में 18% का रिटर्न दे चुका है।
- Neuland Labs और Suven Pharma जैसी कंपनियों ने 84% तक का रिटर्न दिया है।
- हालांकि, इन कंपनियों का मूल्यांकन (valuation) काफी ऊंचा है, लेकिन इनका बिजनेस मॉडल मजबूत है और कई कंपनियां अधिग्रहण (acquisition) कर रही हैं।
Suven Pharma का विस्तार और निवेशकों का भरोसा
Suven Pharma ने दिसंबर 2024 में अमेरिकी कंपनी NJ Bio में 56% हिस्सेदारी खरीदी। इससे पहले कंपनी ने Sapala Organics का भी 54 मिलियन डॉलर में अधिग्रहण किया था।
- इन अधिग्रहणों से Suven Pharma की वैल्यू में बड़ा उछाल आया है।
- Macquarie जैसी विदेशी ब्रोकरेज फर्म ने इस स्टॉक को ‘Outperform’ रेटिंग दी और इसका टारगेट प्राइस ₹1,500 तय किया।
- पिछले एक साल में Suven Pharma का शेयर 76% चढ़ चुका है और इसका P/E मल्टीपल 105x है।
Neuland Labs का जबरदस्त फंडामेंटल सुधार
Neuland Labs ने वित्त वर्ष 2024 में अपना कर्ज ₹121 करोड़ से घटाकर ₹82 करोड़ कर लिया है और ₹125 करोड़ का फ्री कैश फ्लो भी जेनरेट किया है।
- पिछले एक साल में Neuland Labs का शेयर 91% बढ़ चुका है।
- कंपनी का P/E मल्टीपल 49x है, जो इसके मजबूत फंडामेंटल को दर्शाता है।
Eris Lifesciences का अधिग्रहण और बढ़ता दबदबा
Eris Lifesciences ने हाल ही में Dr. Reddy’s Labs से 9 डर्मेटोलॉजी ब्रांड्स खरीदे।
- यह कंपनी डायबिटीज और कार्डियोवैस्कुलर दवाओं में अग्रणी है।
- Q3 2025 में इसकी सेल्स 49% बढ़कर ₹727 करोड़ हो गईं, हालांकि मुनाफा 14% कम हुआ।
- स्टॉक ने पिछले एक साल में 40% का रिटर्न दिया है और इसका P/E मल्टीपल 53x है।
कम अस्थिरता वाले स्टॉक्स: निवेश के लिए अच्छे लेकिन महंगे
शेयर बाजार में कम अस्थिरता वाले स्टॉक्स आमतौर पर सुरक्षित निवेश माने जाते हैं।
- Nifty 100 Low Volatility 30 Index का Beta 0.35 है और यह सालाना 17% का रिटर्न देता है।
- मिड/स्मॉल हेल्थकेयर इंडेक्स का Beta 0.63 है और पिछले 5 साल में 21.46% का CAGR रिटर्न दिया है।
हालांकि, इन कंपनियों की वैल्यूएशन बहुत ऊंची हो चुकी है। उदाहरण के लिए,
- मिड/स्मॉल हेल्थकेयर इंडेक्स का P/E 43x है
- Nifty 100 Low Volatility 30 Index का P/E 29x है
- जबकि Nifty 50 का P/E केवल 20x है।
इसलिए, कम अस्थिरता वाले हेल्थकेयर स्टॉक्स फिलहाल महंगे हैं, लेकिन लॉन्ग-टर्म निवेशकों के लिए यह एक बेहतरीन अवसर हो सकता है।
भविष्य की संभावनाएं: हेल्थकेयर सेक्टर क्यों आगे बढ़ेगा?
हेल्थकेयर सेक्टर में निवेश के लिए कुछ बड़े कारण हैं:
- नई दवाओं और टेक्नोलॉजी में इनोवेशन – कंपनियां कैंसर और मोटापे जैसी बीमारियों के लिए नई दवाएं बना रही हैं।
- बढ़ती उम्र वाली आबादी – भारत में 65+ उम्र की आबादी 7% हो चुकी है, जो 2000 में 4% थी।
- ग्लोबल एक्सपेंशन – कई भारतीय फार्मा कंपनियां अब अमेरिका और यूरोप में विस्तार कर रही हैं।
क्या निवेश करना चाहिए?
हेल्थकेयर सेक्टर में मिड-कैप स्टॉक्स ने हाल ही में जबरदस्त रिटर्न दिए हैं। हालांकि, इनकी वैल्यूएशन फिलहाल ऊंची है और निवेशकों को सावधानी से निवेश करना चाहिए।
अगर लॉन्ग-टर्म के लिए निवेश किया जाए, तो यह सेक्टर मजबूत ग्रोथ देने की क्षमता रखता है। लेकिन शॉर्ट-टर्म में इन स्टॉक्स की कीमतें ऊंची हैं, इसलिए नई खरीदारी करने से पहले रिसर्च जरूर करें।