भारत सरकार का लक्ष्य है कि 2047 तक देश के हर नागरिक के पास स्वास्थ्य बीमा कवर हो। वित्तीय वर्ष 2025-26 के आम बजट में स्वास्थ्य और जीवन बीमा को प्रोत्साहन देने के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए जा सकते हैं।
बीमा पर कर छूट की सीमा बढ़ने की उम्मीद
विशेषज्ञों का मानना है कि इस बार सरकार आयकर अधिनियम की धारा 80डी के तहत स्वास्थ्य बीमा पर मिलने वाली कटौती की सीमा बढ़ा सकती है। वर्तमान में, 60 साल से कम आयु के लोगों को 25,000 रुपये और 60 साल से अधिक आयु वालों को 50,000 रुपये तक का कर छूट लाभ मिलता है। इस सीमा को और अधिक बढ़ाने की योजना हो सकती है।
बीमा प्रीमियम में कमी की मांग
नेशनल इंश्योरेंस अकादमी की रिपोर्ट के अनुसार, भारत की 31% यानी लगभग 40 करोड़ आबादी के पास कोई स्वास्थ्य बीमा कवर नहीं है। वहीं, जिन लोगों ने निजी स्वास्थ्य बीमा लिया है, उनके लिए प्रीमियम महंगा हो रहा है। खासतौर पर कोरोना के बाद मध्यम वर्ग के लिए प्रीमियम में भारी बढ़ोतरी हुई है। विशेषज्ञों ने सुझाव दिया है कि बीमा प्रीमियम को नियंत्रित करने के लिए ठोस कदम उठाने की जरूरत है, ताकि स्वास्थ्य बीमा सभी के लिए सुलभ हो सके।
स्वास्थ्य बीमा की महत्ता
आज के समय में स्वास्थ्य बीमा न केवल आर्थिक सुरक्षा का साधन है, बल्कि जीवन को सुरक्षित रखने का भी एक महत्वपूर्ण जरिया बन चुका है। जो व्यक्ति 30 से 35 साल की उम्र में 25 लाख रुपये का कवर लेता है, उसे सालाना 30,000 रुपये से अधिक का प्रीमियम चुकाना पड़ता है। सरकार इस क्षेत्र में रियायत देकर अधिक लोगों को बीमा के दायरे में ला सकती है।
आम जनता की उम्मीदें
मध्यम वर्ग को उम्मीद है कि इस बार बजट में स्वास्थ्य बीमा प्रीमियम को सस्ता करने और बीमा कवर को अधिक सुलभ बनाने के लिए ठोस घोषणाएं होंगी। अगर यह कदम उठाया जाता है, तो न केवल लोग अधिक सुरक्षित महसूस करेंगे, बल्कि स्वास्थ्य सेवाओं की पहुंच भी बढ़ेगी।