2024 में, इनकम टैक्स के नियमों में बड़े बदलाव किए गए। ये बदलाव जुलाई में बजट पेश होने के बाद लागू हुए। ये बदलाव वित्तीय वर्ष 2024-25 पर लागू होंगे और इसका असर जुलाई 2025 में इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) भरने पर पड़ेगा। आइए, इन बदलावों को सरल भाषा में समझें:
1. नई टैक्स स्लैब (नए टैक्स सिस्टम में)
- नए टैक्स सिस्टम में टैक्स स्लैब बदले गए हैं ताकि ज्यादा बचत हो सके।
- नए स्लैब:
आय सीमा (रु) टैक्स दर (%) 0 – 3,00,000 0 3,00,001 – 7,00,000 5 7,00,001 – 10,00,000 10 10,00,001 – 12,00,000 15 12,00,001 – 15,00,000 20 15,00,000 से ज्यादा 30 - फायदा: नए सिस्टम में लोग सालाना 17,500 रुपये तक की बचत कर सकते हैं।
2. स्टैंडर्ड डिडक्शन बढ़ाया गया
- नए टैक्स सिस्टम में:
- सैलरी वालों और पेंशनधारकों के लिए स्टैंडर्ड डिडक्शन 50,000 से बढ़ाकर 75,000 रुपये किया गया।
- फैमिली पेंशन वालों के लिए अब 25,000 रुपये तक का डिडक्शन मिलेगा।
- पुराने टैक्स सिस्टम में: कोई बदलाव नहीं, डिडक्शन वही 50,000 रुपये (सैलरी/पेंशन वालों के लिए) और 15,000 रुपये (फैमिली पेंशन वालों के लिए)।
- फायदा: नए सिस्टम से टैक्सेबल इनकम कम होगी।
3. NPS (नेशनल पेंशन सिस्टम) में योगदान पर ज्यादा छूट
- नए टैक्स सिस्टम में, नियोक्ता के NPS योगदान पर छूट 10% से बढ़ाकर 14% कर दी गई।
- फायदा: नए सिस्टम में टैक्स बचत ज्यादा होगी। हालांकि, कुल योगदान 7.5 लाख से ज्यादा होने पर टैक्स लगेगा।
4. कैपिटल गेन पर टैक्स दर बदली गई
- शॉर्ट-टर्म कैपिटल गेन (STCG):
- शेयर/म्यूचुअल फंड्स पर टैक्स 15% से बढ़ाकर 20% किया गया।
- लॉन्ग-टर्म कैपिटल गेन (LTCG):
- सभी एसेट्स पर 12.5% की एकसमान दर।
- छूट सीमा 1 लाख से बढ़ाकर 1.25 लाख रुपये।
- फायदा/नुकसान: नियम सरल हुए लेकिन कुछ लोगों का टैक्स बढ़ सकता है।
5. होल्डिंग पीरियड्स में बदलाव
- सूचीबद्ध सिक्योरिटीज (शेयर वगैरह): 12 महीने बाद लॉन्ग-टर्म माना जाएगा।
- अनसूचीबद्ध सिक्योरिटीज: 24 महीने बाद लॉन्ग-टर्म।
- फायदा: कैपिटल गेन की गणना आसान हो गई।
6. TDS (टैक्स डिडक्टेड ऐट सोर्स) दरों में बदलाव
- कुछ खास लेन-देन के लिए TDS की दरें बदली गई हैं:
सेक्शन लेन-देन नई TDS दर (%) लागू तारीख 194D बीमा कमीशन (गैर-कंपनियों के लिए) 2 1 अप्रैल 2025 194DA बीमा पॉलिसी भुगतान 2 1 अक्टूबर 2024 194M व्यक्तिगत/HUF द्वारा भुगतान 2 1 अक्टूबर 2024 194-O ई-कॉमर्स भुगतान 0.1 1 अक्टूबर 2024 - फायदा: कम TDS कटने से हाथ में ज्यादा रकम मिलेगी।
7. TDS/TCS क्रेडिट का दावा
- सैलरी वाले लोग अब अन्य आय/खर्च पर TDS/TCS का क्रेडिट लेकर अपनी सैलरी पर TDS घटा सकते हैं।
- फायदा: कैश फ्लो बेहतर होगा।
8. दूसरे के लिए TCS क्रेडिट का विकल्प
- अब TCS क्रेडिट किसी और (जैसे माता-पिता बच्चों की ट्यूशन फीस भरें) के लिए क्लेम किया जा सकता है।
- लागू: 1 जनवरी 2025 से।
- फायदा: मिडल क्लास परिवारों के लिए कैश फ्लो में सुधार।
9. शेयर बायबैक पर टैक्स
- शेयर बायबैक से प्राप्त राशि अब व्यक्ति की आय के अनुसार टैक्सेबल होगी।
- लागू: 1 अक्टूबर 2024 से।
- फायदा/नुकसान: उच्च आय वाले लोगों का टैक्स बढ़ सकता है।