सऊदी अरब की एक कंपनी में फंसे 300 भारतीय कामगारों की आखिरकार वतन वापसी हो गई। इन कामगारों का एक साल पहले ही वीजा समाप्त हो गया था जिसके बाद ना तो इन्हें वेतन मिल रहा था और ना ही नया वीजा मिल रहा था। देश वापस लौटने का भी कोई रास्ता नहीं दिख रहा था। केवल कंपनी की ओर से उन्हें दो वक्त का भोजन और रहने की जगह दी गई थी। अब प्रवासी मदद फाउंडेशन और भारतीय दूतावास की सहायता से आखिरकार ये भारतीय अपने स्वदेश लौट पाए।
इन कामगारों का वीजा समाप्त होने के बाद भी कंपनी की ओर से वीजा का नवीनीकरण नहीं कराया गया था। केवल उनसे काम कराया जा रहा था इसके बदले वेतन भी नहीं मिल रहा था। वीजा समाप्ति के बाद सऊदी सरकार की ओर से इन भारतीय कामगारों पर भारी जुर्माना भी लगाया गया था। खाने के लिए केवल दाल-चावल दिया जा रहा था लेकिन अपने देश वापसी की कोई उम्मीद नजर नहीं आ रही थी।
फाउंडेशन ने उठाया मामला
हालात खराब होते देख कुछ कामगारों ने सोशल मीडिया के जरिए प्रवासी मदद फाउंडेशन के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रदीप पांडेय से संपर्क किया। राष्टीय उपाध्यक्ष ने तुरंत इस मामले को संगठन तक पहुंचाया। फाउंडेशन के राष्ट्रीय महासचिव और बरवापट्टी थाना क्षेत्र के ग्राम पंचायत दशहवा निवासी विजय मद्धेशिया ने 18 मई 2025 को इसे भारतीय दूतावास रियाद और विदेश मंत्रालय के सामने उठाया।
भारतीय दूतावास के अधिकारियों किया कैंप का दौरा
भारतीय दूतावास के अधिकारियों ने खुद जाकर सऊदी में फंसे मजदूरों के कैंप का दौरा किया और वहां की स्थिति का जायजा लिया। अधिकारियों की मेहनत और पहल का ही नतीजा रहा कि सभी का जुर्माना माफ किया गया और उन्हें एग्जिट वीजा जारी हुआ। इसके बाद चरणबद्ध तरीके से सभी 300 कामगारों को स्वदेश लाया गया।
भारतीय दूतावास, विदेश मंत्रालय और प्रवासी मदद फाउंडेशन का जताया आभार
सकुशल अपने देश वापस लौटने पर भारतीय कामगारों की आंखों में खुशी के आंसू बहने लगें। उन्होंने भारतीय दूतावास, विदेश मंत्रालय और प्रवासी मदद फाउंडेशन का दिल से आभार जताया। विजय मद्धेशिया ने कहा कि ये मामला मानवीय संवेदनाओं से जुड़ा था और हम हर हाल में इन लोगों को वापस लाने के लिए प्रतिबद्ध थे। प्रवासी मदद फाउंडेशन के राष्ट्रीय महासचिव विजय मद्धेशिया ने कहा कि हर प्रवासी भारतीय हमारे देश का प्रतिनिधि है, उनका सम्मान और सुरक्षा हमारी जिम्मेदारी है।