आजकल सेमीकंडक्टर का नाम हर जगह सुनने को मिलता है। ये छोटे-छोटे चिप्स हमारी रोजमर्रा की जिंदगी में इस्तेमाल होने वाले हर डिवाइस का दिल हैं। मोबाइल फोन, टीवी, कार, और यहां तक कि माइक्रोवेव – सब कुछ सेमीकंडक्टर के बिना अधूरा है। लेकिन असली खेल अब AI (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) और 5G जैसी नई तकनीकों में है, जहां इन चिप्स की मांग तेजी से बढ़ रही है।
भारत का सेमीकंडक्टर में कदम
दुनिया के कई देश सेमीकंडक्टर बनाने में आगे हैं, जैसे ताइवान और दक्षिण कोरिया। लेकिन अब भारत भी इस दौड़ में शामिल हो गया है। सरकार और कई कंपनियां मिलकर इस क्षेत्र में बड़ा निवेश कर रही हैं। इसका मतलब है कि आने वाले समय में भारत सेमीकंडक्टर के मामले में बड़ा खिलाड़ी बन सकता है।
कौन-कौन सी भारतीय कंपनियां आगे हैं?
भारत में कई कंपनियां हैं जो सेमीकंडक्टर और AI चिप्स के क्षेत्र में काम कर रही हैं। इनमें से कुछ प्रमुख नाम हैं:
1. HCL टेक्नोलॉजीज
HCL टेक्नोलॉजीज एक बड़ी IT कंपनी है जो सेमीकंडक्टर डिज़ाइन और AI प्रोजेक्ट्स पर काम कर रही है।
- कंपनी ने हाल ही में यूरोप और अमेरिका की बड़ी कंपनियों से चिप डिज़ाइन के ऑर्डर लिए हैं।
- इसके अलावा, HCL AI से जुड़े कई प्रोजेक्ट्स पर भी काम कर रही है।
2. भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (BEL)
BEL एक सरकारी कंपनी है जो रक्षा और नागरिक इलेक्ट्रॉनिक्स बनाती है।
- कंपनी ने हाल ही में कई नए प्रोडक्ट लॉन्च किए हैं और ₹750 बिलियन का ऑर्डर बुक किया है।
- BEL अब मेट्रो और एयरपोर्ट जैसे प्रोजेक्ट्स में भी काम कर रही है।
3. CG पावर एंड इंडस्ट्रियल सॉल्यूशंस
CG पावर बिजली और औद्योगिक उपकरण बनाने वाली कंपनी है।
- कंपनी ने भारत में एक नई चिप फैक्ट्री खोलने के लिए पार्टनरशिप की है।
- यह फैक्ट्री हर दिन 15 मिलियन चिप्स बनाएगी।
4. केंस टेक्नोलॉजी
केंस टेक्नोलॉजी इलेक्ट्रॉनिक्स बनाने वाली कंपनी है जो ऑटोमोटिव और रक्षा क्षेत्रों में काम करती है।
- कंपनी ने गुजरात में ₹33 बिलियन की लागत से एक सेमीकंडक्टर यूनिट लगाने की योजना बनाई है।
- इसके राजस्व में पिछले साल की तुलना में 48% की बढ़ोतरी हुई है।
5. टाटा एलेक्सी
टाटा एलेक्सी डिज़ाइन और तकनीकी सेवाओं में अग्रणी है।
- कंपनी AI और सेमीकंडक्टर डिज़ाइन में तेजी से काम कर रही है।
- इसका लक्ष्य है कि 2024 के अंत तक 25% कर्मचारी AI में प्रशिक्षित हों।
क्यों है सेमीकंडक्टर का भविष्य उज्ज्वल?
जैसे-जैसे AI, 5G, और स्मार्ट डिवाइस का उपयोग बढ़ रहा है, सेमीकंडक्टर की मांग भी बढ़ रही है। भारत में इन चिप्स को बनाने और डिज़ाइन करने की क्षमता बढ़ रही है। इससे न केवल देश की अर्थव्यवस्था को फायदा होगा, बल्कि भारत को ग्लोबल मार्केट में एक नई पहचान मिलेगी।