काम कर रहे 7 भारतीयों को अपने देश लौटते समय अगवा कर लिया। इन भारतीयों के अपहरण की खबर भारत पहुंचते ही परिजन उन्हें मुक्त करवाने के लिए लामबंद हो गए है। परिजनों ने केन्द्र सरकार से मामले में तत्काल हस्तक्षेप कर अगवा किए गए लोगों की रिहाई की मांग की है।
परिजनों का कहना है कि केन्द्र सरकार लीबिया की सरकार के लगातार सम्पर्क कर अगवा किए गए लोगों की मदद के लिए प्रयासरत भी है। दरअसल परिजनों ने प्रधानमंत्री, गृहमंत्री और विदेश मंत्री से भी मदद की गुहार लगाई है। वहीं इस घटना को लेकर पीड़ित परिजनों द्वारा सेंट्रल दिल्ली के प्रसाद नगर थाने में, जिले के डीसीपी को और पुलिस कमिश्नर को भी चिट़ठी लिखकर मदद मांगी गई है।
ये हैं अगवा किए गए भारतीय
लीबिया में अगवा किए गए सात भारतीयों में महेन्द्र सिंह, वेंक्टराव बतचाला, साह अजय, उमेदीब्राहिम भाई मुल्तानी, दनय्या बोद्धू, मुन्ना चौहान और जोगाराव बतचाला शामिल हैं। ये सभी लोग राजेन्द्र प्लेस स्थित एनडी एन्टरप्राइजेज कम्पनी की ओर से लीबिया में आयरन वेल्डर के तौर पर काम करने के लिए करीब एक साल पहले गए थे। एक साल तक वहां काम करने के बाद उन्हें भारत लौटना था।
एयरपोर्ट जाने को दौरान कर लिया अगवा
पीड़ित मुन्ना चौहान के रिश्तेदार ललन प्रसाद ने बताया कि उनके रिश्तेदार मुन्ना चौहान भी एक साल पहले छह अन्य पीड़ितों के साथ वेल्डर मैन के तौर पर काम करने के लिए लीबिया गए थे। जहां से एक साल बाद वे वापस आने वाले थे। गत 17 सितम्बर को उनकी फ्लाईट लीबिया के त्रिपोली एयरपोर्ट से इस्तांबुल, पैरिस होते नई दिल्ली पहुंचना था। वे अपनी कम्पनी से एयरपोर्ट के लिए निकले थे। जहां बीच रास्ते हथियारबं लोगों ने सातों भारतीयों को अगवा कर लिया।
20 हजार डॉलर की मांग
पीड़ित के परिजनों की मानें तो अगवा किए गए भारतीयों को छोड़ने के एवज में 20 हजार डॉलर की फिरौती मांगी गई है। इसको लेकर कम्पनी की ओर से भी संवाद किया जा रहा है। हालांकि अभी तक किसी आरोपी से बातचीत में कुछ भी तय नहीं हो पाया है, जिसकी वजह से अगवा किए गए लोगों की रिहाई का रास्ता साफ नहीं हो पाए। हालांकि परिजनों का कहना है कि घटना का पता चलने के बाद केन्द्र सरकार ने मामले में हस्तक्षेप किया है और अगवा किए गए भारतीयों की रिहाई के लिए वहां की सरकार से सम्पर्क कर रही है।
लीबिया में नहीं है भारतीय दूतावास
परिजनों का यह भी कहना है कि लीबिया में फिलहाल भारतीय दूतावास नहीं है। वहां का कामकाज देखने की जिम्मेदारी फिलहाल ट्यूनीशिया में स्थित भारतीय दूतावास की है। इस मामले पर ट्यूनीशिया में स्थित भारतीय दूतावास ने संज्ञान लिया है और पूरे मामले पर नजर बनाए हुए है। लगातार लीबिया की सरकार से सम्पर्क साधा जा रहा है और अगवा किए गए भारतीयों को छ़ड़ाने का प्रयास किया जा रहा है।GulfHindi.com