हेलो दोस्तों! आज हम एक खास खबर के बारे में बात करने जा रहे हैं। केंद्र सरकार ने आठ नेशनल हाई-स्पीड रोड कॉरिडोर प्रोजेक्ट्स को मंजूरी दी है, जो देश की सड़क परिवहन व्यवस्था को और बेहतर बनाएंगे। ये प्रोजेक्ट्स न केवल हमारे सफर को सुगम बनाएंगे, बल्कि देश की अर्थव्यवस्था को भी नई दिशा देंगे। इनका मकसद है ट्रैफिक की भीड़भाड़ को कम करना और हमारे शहरों और गांवों को बेहतर कनेक्टिविटी प्रदान करना। तो आइए, जानते हैं इन परियोजनाओं की खासियत और उनके संभावित लाभ।
1. नासिक फाटा-खेड कॉरिडोर, पुणे
लंबाई: 30 किमी
लागत: ₹7,827 करोड़
कैसे बनेगा: बिल्ड-ऑपरेट-ट्रांसफर (BOT)
फायदा: यह कॉरिडोर पिंपरी-चिंचवड़ के आसपास की मौजूदा लॉजिस्टिक कठिनाइयों को दूर करेगा और ट्रैफिक की भीड़ को कम करेगा। स्थानीय निवासियों को बेहतर परिवहन सेवाएं मिलेंगी, जिससे उनकी यात्रा सरल और तेज होगी।
2. आगरा-ग्वालियर कॉरिडोर
लंबाई: 88 किमी
लागत: ₹4,613 करोड़
कैसे बनेगा: बिल्ड-ऑपरेट-ट्रांसफर (BOT)
फायदा: आगरा और ग्वालियर के बीच की दूरी को 7% कम करेगा और यात्रा का समय 50% तक घटाएगा। इससे लोगों को समय की बचत होगी और यात्रा अधिक सुविधाजनक होगी।
3. थराद-डीसा-महेसाणा-अहमदाबाद कॉरिडोर
लंबाई: 214 किमी
लागत: ₹10,534 करोड़
कैसे बनेगा: बिल्ड-ऑपरेट-ट्रांसफर (BOT)
फायदा: यह कॉरिडोर थराद और अहमदाबाद के बीच की दूरी को 20% कम करेगा और यात्रा के समय को 60% तक घटाएगा, जिससे लोगों को तेजी से यात्रा करने में मदद मिलेगी।
4. कानपुर रिंग रोड
लंबाई: 47 किमी
लागत: ₹3,298 करोड़
कैसे बनेगा: इंजीनियरिंग, प्रोक्योरमेंट और कंस्ट्रक्शन मोड (EPC)
फायदा: यह रिंग रोड कानपुर की मौजूदा ट्रैफिक की समस्या को कम करेगा और शहर के निवासियों को बेहतर आवागमन की सुविधा प्रदान करेगा।
5. खड़गपुर-मोरग्राम कॉरिडोर
लंबाई: 231 किमी
लागत: ₹10,247 करोड़
कैसे बनेगा: हाइब्रिड एन्नुइटी मोड (HAM)
फायदा: यह कॉरिडोर पश्चिम बंगाल और पूर्वोत्तर भारत की अर्थव्यवस्था को मजबूत करेगा और खड़गपुर से मोरग्राम तक की यात्रा का समय घटाएगा।
6. अयोध्या रिंग रोड
लंबाई: 68 किमी
लागत: ₹3,935 करोड़
कैसे बनेगा: हाइब्रिड एन्नुइटी मोड (HAM)
फायदा: यह रिंग रोड अयोध्या आने-जाने वाले पर्यटकों को बेहतर कनेक्टिविटी प्रदान करेगा, जिससे शहर की यात्रा आसान होगी।
7. पथलगांव-गुमिया (रायपुर-रांची कॉरिडोर)
लंबाई: 137 किमी
लागत: ₹4,473 करोड़
कैसे बनेगा: हाइब्रिड एन्नुइटी मोड (HAM)
फायदा: यह कॉरिडोर रायपुर और रांची के बीच की कनेक्टिविटी को मजबूत करेगा और परिवहन को सुविधाजनक बनाएगा।
8. गुवाहाटी रिंग रोड
लंबाई: 121 किमी
लागत: ₹5,729 करोड़
कैसे बनेगा: बिल्ड-ऑपरेट-टोल (BOT)
फायदा: इस प्रोजेक्ट में ब्रह्मपुत्र नदी पर एक बड़ा पुल भी बनेगा, जिससे गुवाहाटी और आसपास के क्षेत्रों की कनेक्टिविटी बेहतर होगी।
इन प्रोजेक्ट्स का कुल खर्च कितना होगा?
इन आठ परियोजनाओं का कुल खर्च 50,655 करोड़ रुपये है। NHAI के काम से संबंध रखने वाली कंस्ट्रक्शन कंपनी जैसे L&T इत्यादि इसके वजह से फिर चर्चा के विषय शेयर बाज़ार में बन सकती हैं. Contract अवार्ड होने बाद निवेशकों के लिए निवेश करने का बढ़िया मौक़ा मिल सकता हैं।