इलेक्ट्रिक व्हीकल्स (EV) की चार्जिंग को लेकर नई और क्रांतिकारी तकनीक का विकास वास्तव में उत्साहजनक है। जापान के काशिवनाहो स्मार्ट सिटी में शुरू किए गए इस पायलट प्रोजेक्ट के बारे में जानकारी बहुत ही रोचक है। यह प्रोजेक्ट इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए वायरलेस चार्जिंग की संभावनाओं को खोलता है, जिससे EVs के उपयोग और विस्तार में बड़ी मदद मिल सकती है।
वायरलेस चार्जिंग टेक्नोलॉजी की कार्यप्रणाली:
- इन-मोशन बिजली सप्लाई सिस्टम: इस सिस्टम को चिब्या यूनिवर्सिटी ने विकसित किया है। इसकी दक्षता, स्थायित्व, और लगातार चार्जिंग क्षमता की जांच की जा रही है।
- प्री-कास्ट चार्जिंग कॉल्स: ये कॉल्स ट्रैफिक लाइट्स के सामने सड़क की सतह में लगाए गए हैं। जब कोई इलेक्ट्रिक वाहन इनके ऊपर से गुजरता है, तो वायरलेस चार्जर से बिजली प्रवाहित होती है।
- विशेष उपकरण वाले टायर: इलेक्ट्रिक वाहनों के टायरों में एक विशेष डिवाइस लगाया गया है, जो ट्रैफिक सिग्नल से निकलने वाली इलेक्ट्रिसिटी को ग्रहण करता है और कार की बैटरी को चार्ज करता है।
चार्जिंग की प्रक्रिया:
- यह सिस्टम तब काम करता है जब EV की गति कम होती है, जैसे कि ट्रैफिक सिग्नल पर रुकने पर।
- अगर वाहन इन चार्जिंग कॉल्स के पास 10 सेकंड तक रुकता है, तो बैटरी इतनी चार्ज हो जाती है कि वाहन करीब 1 किलोमीटर तक चल सकता है।
यह प्रोजेक्ट अगर सफल होता है, तो इसे जापान भर में लागू किया जा सकता है, जिससे इलेक्ट्रिक वाहनों के उपयोग में बड़ी सुविधा और विस्तार हो सकता है। इस तरह की तकनीक न केवल चार्जिंग के समय को कम करेगी, बल्कि इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए चार्जिंग स्टेशनों की आवश्यकता को भी कम करेगी, जिससे इन वाहनों की व्यावहारिकता और आकर्षण बढ़ेगा।