रेलवे बोर्ड ने अचानक होने वाले ट्रेनों के निरस्तीकरण पर अंकुश लगाने के लिए एक नई और सख्त व्यवस्था की घोषणा की है। इस नए निर्देश के अनुसार, टिकट की बुकिंग हो जाने के बाद ट्रेनों को निरस्त नहीं किया जा सकेगा।
निरस्तीकरण के लिए नई नीति
- 26 सप्ताह का नियम: बोर्ड ने निर्देश दिया है कि ट्रेनों का निरस्तीकरण 26 सप्ताह पहले ही किया जाए।
- अपरिहार्य स्थितियां: यह व्यवस्था केवल रूटीन कार्य के लिए होने वाले निरस्तीकरण पर लागू होगी, अपरिहार्य परिस्थितियों में इसे लागू नहीं किया जाएगा।
बोर्ड के निर्देश और उनका प्रभाव
- पूर्व अनुमति आवश्यक: किसी भी प्रकार के निरस्तीकरण के लिए महाप्रबंधक को चेयरमैन से पूर्व अनुमति लेनी होगी।
- यात्रियों की सुविधा: इस निर्णय से अचानक निरस्त होने वाली ट्रेनों से होने वाली असुविधा में कमी आएगी और यात्रियों को सहूलियत होगी।
एनईआर की भूमिका
- अमल में लाने की पहल: एनईआर ने इस नए निर्देश को अमल में लाने की पहल शुरू कर दी है।
- कार्यों का सूचीकरण: एनईआर अपने उन कार्यों को सूचीबद्ध कर रहा है, जिनके लिए आगामी दिनों में ब्लॉक लिया जाना है।
इस नए निर्देश के साथ रेलवे बोर्ड यात्रियों की सुविधा और संतुष्टि पर जोर दे रहा है, ताकि उन्हें अचानक निरस्त होने वाली ट्रेनों की असुविधा से बचाया जा सके। इस नए निर्देश का सकारात्मक प्रभाव यात्रियों के यात्रा अनुभव पर पड़ने की उम्मीद है।