सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने लाजिस्टिक खर्च को कम करने के लिए एक्सप्रेसवे के निर्माण पर ज्यादा ध्यान केंद्रित करने का फैसला किया है। इसी लक्ष्य को ध्यान में रखते हुए अगले वर्ष देश में 8 नए एक्सप्रेसवे तैयार करने का लक्ष्य रखा गया है।
लाजिस्टिक खर्च कम करने का लक्ष्य:
- मौजूदा समय में लाजिस्टिक खर्च 12% है, जो पहले 15-16% हुआ करता था।
- अगले पांच वर्षों में इसे एक डिजिट में लाने का लक्ष्य रखा गया है।
- एक्सप्रेसवे का निर्माण तेजी से किया जाएगा ताकि लाजिस्टिक खर्च कम हो सके।
कारगो व्हीकल की रफ्तार बढ़ाने पर ध्यान:
- मौजूदा समय में कारगो व्हीकल रोजाना 400 किलोमीटर की दूरी तय करते हैं।
- अंतरराष्ट्रीय मानक के अनुसार यह आंकड़ा 800 किलोमीटर होना चाहिए।
- मंत्रालय कारगो व्हीकल की रफ्तार बढ़ाने के लिए एक्सप्रेसवे का निर्माण करेगा।
अगले वर्ष तैयार होने वाले 8 एक्सप्रेसवे:
- रायपुर-हैदराबाद (330 किलोमीटर)
- इंदौर-हैदराबाद (713 किलोमीटर)
- सूरत-सोलापुर (464 किलोमीटर)
- नागपुर-विजयवाड़ा (457 किलोमीटर)
- चेन्नई-सालेम (277 किलोमीटर)
- सोलापुर-कुनलूर (318 किलोमीटर)
- नागपुर-विजयवाड़ा (457 किलोमीटर)
- हैदराबाद-विशाखापट्टनम (221 किलोमीटर)
सड़क निर्माण में रिकॉर्ड:
- वर्ष 2014 में नेशनल हाइवे की कुल लंबाई 91,287 किलोमीटर थी।
- 2024 में यह बढ़कर 1,46,145 किलोमीटर हो गई है।
- वित्तीय वर्ष 2023-24 में 12 हजार किलोमीटर से ज्यादा दूरी के नेशनल हाइवे बनाए गए हैं।
- देश में रोजाना 33 किलोमीटर हाईवे का निर्माण हो रहा है, जो कि एक रिकॉर्ड है।
इन 8 नए एक्सप्रेसवे के बनने से:
- लाजिस्टिक खर्च कम होगा।
- कारगो व्हीकल की रफ्तार बढ़ेगी।
- इन शहरों के बीच यात्रा का समय कम होगा।
- व्यापार और वाणिज्य को बढ़ावा मिलेगा।
- रोजगार के अवसर पैदा होंगे।