हाल ही में, अडानी ग्रुप यानी अडानी समूह की छह कंपनियों को सेबी (भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड) द्वारा कारण बताओ नोटिस जारी किए गए हैं। इन कंपनियों पर संबंधित पक्षों के साथ लेन-देन (related party transactions) गड़बड़ियों, लिस्टिंग नियमों का पालन न करने, और कुछ मामलों में ऑडिटर सर्टिफ़िकेट की वैधता से जुड़े आरोप हैं। आइए जानते हैं इस मामले के बारे में:
किन अडानी कंपनियों को मिला नोटिस?
- अडानी एंटरप्राइजेज़ (Adani Enterprises)
- अडानी पोर्ट्स एंड स्पेशल इकोनॉमिक ज़ोन (Adani Ports and Special Economic Zone)
- अडानी पावर (Adani Power)
- अडानी इलेक्ट्रिसिटी मुंबई लिमिटेड (Adani Electricity Mumbai Limited)
- अडानी ट्रांसमिशन (Adani Transmission)
- अडानी टोटल गैस (Adani Total Gas)
सेबी की जांच और आरोप
सेबी की जांच में अडानी ग्रुप की कंपनियों पर इन गंभीर आरोपों पर ध्यान दिया गया:
- रिलेटेड पार्टी ट्रांज़ैक्शन्स में गड़बड़ी: रिलेटेड पार्टी ट्रांज़ैक्शन्स ऐसे लेन-देन होते हैं जो किसी कंपनी और उसके मालिकों, डायरेक्टर्स या उनके रिश्तेदारों की कंपनियों के बीच होते हैं। सेबी का आरोप है कि अडानी कंपनियों ने रिलेटेड पार्टी ट्रांज़ैक्शन्स के नियमों में खामियां बरती हैं।
- लिस्टिंग नियमों का उल्लंघन: सेबी ने पाया कि हो सकता है कि अडानी कंपनियों ने भारतीय स्टॉक एक्सचेंज के लिस्टिंग नियमों का भी सही से पालन नहीं किया हो।
- ऑडिटर के सर्टिफिकेशन से जुड़ी दिक्कतें: कुछ मामलों में, अडानी कंपनियों के वित्तीय खातों को प्रमाणित करने वाले ऑडिटर्स के सर्टिफिकेशन की वैधता पर भी सवाल उठे हैं।
कारण बताओ नोटिस का मतलब
सेबी द्वारा कारण बताओ नोटिस जारी करने का मतलब है कि सेबी ने अपनी शुरुामान्य जांच पूरी कर ली है और उसमें कुछ ऐसे सबूत मिले हैं जिनसे आरोपों की पुष्टि होती है। अब सेबी अडानी ग्रुप को खुद अपनी बात रखने और सफ़ाई देने का मौका देगी। इसके बाद सेबी मामले का फैसला करेगी ।
अडानी ग्रुप का क्या कहना है?
अडानी ग्रुप ने इन सभी आरोपों को खारिज किया है। उनका कहना है कि उन्होंने सभी नियमों का पूरी तरह पालन किया है और किसी भी तरह की कोई गड़बड़ी नहीं की है।
क्या हो सकता है आगे?
यह एक गंभीर मामला है। अगर सेबी अडानी ग्रुप पर लगे आरोप सही पाती है, तो जुर्माना लगाने के साथ-साथ कुछ प्रतिबंध भी लागू किए जा सकते हैं। इस खबर से अडानी समूह के शेयरों में गिरावट भी देखी गई है। मामले का अंतिम फैसला आने में अभी वक्त लगेगा।