रिलायंस क्विक कॉमर्स में करेगी एंट्री
भारत और एशिया के सबसे अमीर इंसान, मुकेश अंबानी की कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज (Reliance Industries) क्विक कॉमर्स सेक्टर में एंट्री करने की तैयारी कर रही है। सूत्रों के मुताबिक, रिलायंस रिटेल का जियोमार्ट अगले महीने की शुरुआत में यह सर्विस शुरू कर सकता है।
कौन हैं मुकाबले में?
रिलायंस का मुकाबला इस सेक्टर में जोमैटो के ब्लिंकिट, टाटा ग्रुप के बिगबास्केट, स्विगी के इंस्टामार्ट और जेप्टो से होगा। शुरुआत में जियोमार्ट 7-8 महीने में ग्रोसरी की फास्ट डिलीवरी करेगा और फिर 1,000 से अधिक शहरों में इसका विस्तार किया जाएगा।
क्या है कंपनी की योजना?
कंपनी ने इससे पहले 90 मिनट में ग्रोसरी का सामान पहुंचाने के लिए जियोमार्ट एक्सप्रेस सर्विस शुरू की थी लेकिन इसे करीब एक साल पहले बंद कर दिया गया था। अब कंपनी की योजना 30 मिनट से कम समय में डिलीवरी पूरी करने की है।
फ्लिपकार्ट की भी तैयारी
रिलायंस ऐसे समय इस सेक्टर में एंट्री मारने की योजना बना रही है जब वॉलमार्ट की कंपनी फ्लिपकार्ट भी क्विक कॉमर्स स्पेस में उतरने की तैयारी कर रही है।
कौन करेगा फायदा?
सूत्रों के मुताबिक, जियोमार्ट अपने क्विक कॉमर्स ऑपरेशन के लिए मौजूदा कंपनियों की तरह डार्क स्टोर मॉडल नहीं अपनाएगा, बल्कि इसके बजाय रिलायंस रिटेल के स्टोर और फुलफिलमेंट सेंटर्स के विशाल नेटवर्क का फायदा उठाएगा।
ग्राहक को क्या मिलेगा?
जियोमार्ट अपने ग्राहकों को फिलहाल स्लॉटेड और अगले दिन डिलीवरी का विकल्प देता है। सूत्रों ने कहा कि समय के साथ, जियोमार्ट क्विक कॉमर्स के जरिए नॉन-ग्रोसरी आइटम्स की डिलीवरी भी करेगा।
कितना बड़ा मौका?
एनालिस्ट्स का कहना है कि क्विक डिलीवरी का चलन बढ़ने से परंपरागत दुकानों को नुकसान हो सकता है। गोल्डमैन सैश का अनुमान है कि ग्रॉस ऑर्डर वैल्यू के हिसाब से देश में ऑनलाइन ग्रोसरी बाजार का साइज फाइनेंशियल ईयर 2024 तक करीब 11 अरब डॉलर का है।
ब्लिंकिट का दबदबा
अभी ब्लिंकिट लगभग 40-45% बाजार हिस्सेदारी के साथ क्विक कॉमर्स सेक्टर में लीडिंग पोजीशन में है।
कैसा रहेगा मुकाबला?
रिलायंस के क्विक कॉमर्स में एंट्री से इस क्षेत्र में प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी। रिलायंस रिटेल की पूरे देश में मौजूदगी है और उसके पास पैसों की कोई कमी नहीं है। ऐसे में इस सेक्टर में मौजूदा कंपनियों को कड़ी टक्कर मिल सकती है।