देश में पिछले कुछ समय में विरोध को भारत के खिलाफ किए जाने वाले कारनामे के तौर पर प्रस्तुत किया जाने लगा है. धीरे-धीरे लोगों में इन बातों का गुस्सा इतना बड़ा है कि इस बार के चुनाव में वोटो के हुए उलट फेर ने अपने बलबूते सरकार बनाने वाले भाजपा को भी दो अन्य पार्टियों के कंधे पर सवार होकर सरकार बनना पड़ रहा है.
पूरे देश भर में देशभक्ति का मतलब एक पार्टी के विचारधारा को सपोर्ट करना माना जाने लगा था. मौजूदा समय में उत्तर प्रदेश में हुए बड़े उलट फेर ने भाजपा को यह भी सोचने पर मजबूर कर दिया कि काम चाहे कुछ भी किया जाए गलत तरीके से राजनीति बिल्कुल ना किया जाए.
इस बड़े उलट फिर के बावजूद भी भाजपा से हाल में ही सांसद बनी कंगना रानाउत अभी समझ नहीं पा रही हैं कि देश में नेताओं का आचरण भविष्य के लिए कैसा होना चाहिए और खास कर से उन लोगों के लिए तो जरूर जो लोग नए-नए राजनीति में आए हैं.
लंबे समय से भाजपा के खिलाफ किसानों के आंदोलन ने पूरे देश भर को सुर्खियों में लाकर रख दिया था. अब चंडीगढ़ एयरपोर्ट पर तैनात सीआईएसएफ महिला ने कंगना रनौत को यह बोलते हुए थप्पड़ मार दिया कि कंगना ने किसान आंदोलन में शामिल होने वाली महिलाओं को ₹100 के भाड़े पर आने वाली महिलाओं का संज्ञा दिया था. इस आंदोलन में सीआईएफ महिला की मां भी शामिल थी और इस आंदोलन के अपने अध्याय के सच को CISF महिला जानती थी जिसके वजह से वह कंगना के इस बयान से काफी आहत थी.
अब इस मामले को लेकर कंगना ने अजीबोगरीब फिर से बयान प्रस्तुत कर दिया है. कंगना ने इस मामले में बयान देते हुए पंजाब में आतंकी गतिविधियों को लेकर बड़े हाथों लिया है. एक बार फिर यह सोचना होगा कि देश में किसी भी विरोध प्रदर्शन का मतलब यह नहीं होता है कि वह व्यक्ति भारत के विरोध में कार्य कर रहा हो.
भारत एक लोकतांत्रिक देश है और यहां पर विरोध करने का अधिकार सबको है हालांकि विरोध करने के तरीकों पर अलग-अलग विचारधाराए हो सकती हैं लेकिन ऐसा कतई नहीं हो सकता है कि विरोध करने वाला व्यक्ति हमेशा देशद्रोही के श्रेणी में रखा जाए.
आगे के कमेंट में अपने पाठकों पर छोड़ता हूं जो उन्हें उचित लगे वह अपने तरीके से इस पर राय दे सकते हैं.