रेल मंत्रालय ने एक RTI के जवाब में खुलासा किया कि वंदे भारत ट्रेनों की औसत गति 2020-21 में 84.48 किमी/घंटा से घटकर 2023-24 में 76.25 किमी/घंटा हो गई है।
संरचनात्मक कार्यों के चलते गिरी गति
रेलवे अधिकारियों का कहना है कि केवल वंदे भारत ही नहीं, बल्कि अन्य कई ट्रेनें भी ऐसे स्थानों पर संरचनात्मक कार्यों के चलते सावधानीपूर्वक गति बनाए रख रही हैं। इन कार्यों के कारण ही गति में गिरावट आई है।
कठिन इलाकों और मौसम की चुनौतियाँ
कुछ वंदे भारत ट्रेनें ऐसे कठिन इलाकों में लॉन्च की गई हैं, जहाँ भौगोलिक कारणों या अत्यधिक मौसम स्थितियों के कारण गति प्रतिबंधित रहती है। मध्य रेलवे जोन के एक अधिकारी ने बताया कि मुंबई CSMT और मदगाँव के बीच की ट्रेन में कोकण रेलवे का ‘घाट’ हिस्सा है, जहाँ सुरक्षा के कारण गति बढ़ाना कठिन हो जाता है।
मानसून में गति और भी कम
मानसून के दौरान, चुनौती और बढ़ जाती है। रेलवे को सभी ट्रेनों की अधिकतम गति 75 किमी/घंटा पर ही रखनी पड़ती है।
RTI के आँकड़े
मध्यप्रदेश के RTI आवेदक चंद्र शेखर गौड़ ने जानकारी दी कि 2020-21 में वंदे भारत की औसत गति 84.48 किमी/घंटा थी, जो 2022-23 में घटकर 81.38 किमी/घंटा हो गई। 2023-24 में यह और भी गिरकर 76.25 किमी/घंटा रह गई।
उपलब्धियाँ और सीमाएँ
वंदे भारत, जो 160 किमी/घंटा की अधिकतम गति से चल सकती है, दुर्भाग्यवश देश के किसी भी हिस्से में 130 किमी/घंटा से अधिक नहीं जा सकती, सिवाय दिल्ली-आगरा रूट के। केवल वहाँ ही ट्रैक की स्थिति इसके लिए उपयुक्त है, जो 2016 में गातिमान एक्सप्रेस के लिए तैयार की गई थी।
अन्य रूट्स पर गति की स्थिति
कुछ रूट्स पर वंदे भारत की स्थिति औसत से भी खराब है, जैसे देहरादून-आनंद विहार (63.42 किमी/घंटा), पटना-रांची (62.9 किमी/घंटा) और कोयम्बटूर-बैंगलोर कैंट (58.11 किमी/घंटा)।
ट्रैक अधिशेष और उन्नयन
सम्बंधित विशेषज्ञों का मानना है कि वंदे भारत के लॉन्च हुए पाँच साल हो गए हैं, लेकिन अभी भी रेलवे किसी भी रूट पर ट्रैक को पूरी तरह से बदल नहीं पाया है, ताकि ट्रेन अपने अधिकतम संचालन गति पर चल सकें।
लोकप्रियता बरकरार
रेल मंत्रालय का कहना है कि वंदे भारत ट्रेनों की लोकप्रियता बरकरार है और 31 मार्च तक 2.15 करोड़ लोग इसमें यात्रा कर चुके हैं।
वंदे भारत के खास फीचर्स
वंदे भारत कई अद्वितीय फीचर्स के साथ आती है, जैसे:
- कावच प्रोटेक्शन
- तेज एक्सेलरेशन और 160 किमी/घंटा तक की गति
- पूर्णतः सील्ड गैंगवे
- ऑटोमैटिक प्लग डोर्स
- एर्गोनॉमिक रीक्लाइनिंग सीट्स
लीगिंग और नेटवर्क
284 जिलों को वंदे भारत एक्सप्रेस से जोड़ा गया है और यह संख्या भविष्य में बढ़ेगी। कुल 102 वंदे भारत ट्रेनें 100 रूट्स पर सेवाएँ प्रदान कर रही हैं।