वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण जुलाई के दूसरे पखवाड़े में मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल का पहला बजट पेश करने जा रही हैं। इस बजट से टैक्सपेयर्स को काफी उम्मीदें हैं। मनीकंट्रोल को कुछ सीनियर सरकारी अधिकारियों से जानकारी मिली है कि सरकार मिडिल क्लास को टैक्स में राहत देने पर विचार कर रही है। इसके लिए इनकम टैक्स छूट की सीमा को 3 लाख रुपये से बढ़ाकर 5 लाख रुपये तक किया जा सकता है। यह राहत नई टैक्स व्यवस्था के तहत आयकर रिटर्न भरने वाले टैक्सपेयर्स को मिलेगा। आइए जानें कि अगर यह ऐलान हुआ तो इससे टैक्सपेयर्स को कितना फायदा हो सकता है।
नई टैक्स व्यवस्था
पहले नई टैक्स व्यवस्था को समझते हैं। सरकार ने सबसे पहले 2022 के बजट में नई टैक्स रिजीम को लॉन्च किया था। इस टैक्स व्यवस्था की दरें पुराने टैक्स व्यवस्था से कम हैं। हालांकि, इसमें टैक्सपेयर्स को टैक्स में कई तरह के डिडक्शन और छूट का लाभ नहीं मिलता है। आयकर रिटर्न भरते समय टैक्सपेयर्स के सामने नई और पुरानी दोनों में से किसी एक टैक्स व्यवस्था को चुनने का विकल्प होता है।
पुरानी टैक्स व्यवस्था के तहत, टैक्सपेयर्स को इनकम टैक्स एक्ट की विभिन्न धाराओं के तहत कई तरह के निवेश, इंश्योरेंस, हाउस अलाउंस और लीव ट्रैवल अलाउंस आदि पर टैक्स में छूट मिलती है। नई टैक्स रिजीम के स्लैब नीचे दिए गए हैं:
नई टैक्स रिजीम के तहत इनकम टैक्स स्लैब
- 3 लाख रुपये तक – शून्य
- 3 लाख रुपये से 6 लाख रुपये के बीच – 5% (धारा 87A के तहत टैक्स से छूट)
- 6 लाख रुपये से 9 लाख रुपये के बीच – 10% (धारा 87A के तहत 7 लाख तक टैक्स से छूट)
- 9 लाख रुपये से 12 लाख रुपये के बीच – 15%
- 12 लाख रुपये से 15 लाख रुपये के बीच – 20%
- 15 लाख रुपये से अधिक – 30%
अगर सरकार आगामी बजट 2024-25 में 5 लाख रुपये तक की आय को टैक्स से छूट देती है, तो मौजूदा 6 स्लैब की जगह 5 स्लैब ही बचेंगे। वहीं 5 लाख से 9 लाख रुपये तक की आय पर धारा 87A के तहत पहले की तरह टैक्स छूट मिलती रहेगी, बशर्ते कि स्लैब या उसकी दरों में कोई और बदलाव न किया जाए।
टैक्सपेयर्स को कितना होगा फायदा?
अगर बजट 2024-25 में टैक्स छूट की सीमा को 3 लाख रुपये से बढ़ाकर 5 लाख रुपये किया जाता है, तो इससे कई टैक्सपेयर्स को लाभ होगा:
- 7.6 लाख रुपये से 50 लाख रुपये तक की टैक्सेबल इनकम वाले लोगों की टैक्स देनदारी 10,400 रुपये (4% हेल्थ और एजुकेशन सेस सहित) कम हो जाएगी।
- 50 लाख रुपये से 1 करोड़ रुपये तक की टैक्सेबल इनकम वाले लोगों की टैक्स लायबिलिटी 11,440 रुपये (सेस और 10% सरचार्ज सहित) तक कम हो जाएगी।
- 1 करोड़ से लेकर 2 करोड़ तक की आय वाले लोगों को 11,960 रुपये का लाभ मिलेगा।
- 2 करोड़ से अधिक आय वाले लोगों की टैक्स लायबिलिटी 13,000 रुपये तक कम हो जाएगी।