पटना: राज्य में अनियमित मानसून और कम बारिश के कारण सूखे जैसी स्थिति में फसलों की सिंचाई के लिए किसानों को राहत देने के उद्देश्य से बिहार सरकार ने डीजल अनुदान योजना की घोषणा की है। इस योजना के अंतर्गत विभिन्न फसलों की सिंचाई के लिए किसानों को वित्तीय वर्ष 2024-25 में 150 करोड़ रुपये खर्च करने की स्वीकृति मिली है।
डीजल अनुदान योजना की मुख्य बातें
- अनुदान राशि: किसानों को प्रति लीटर डीजल पर 75 रुपये का अनुदान मिलेगा।
- सिंचाई के लिए अनुदान: एक एकड़ भूमि पर दस लीटर डीजल के लिए अनुदान मिलेगा।
- मुख्य फसलें: धान, मक्का, जूट, दलहनी, तेलहनी, मौसमी सब्जी, औषधीय एवं सुगंधित पौधों की सिंचाई के लिए यह अनुदान प्रदान किया जाएगा।
- सिंचाई की संख्या: मुख्य फसलों की तीन सिंचाई के लिए अधिकतम प्रति सिंचाई 750 रुपये, अर्थात कुल 2250 रुपये का अनुदान एक किसान को मिलेगा।
- अधिकतम सीमा: एक किसान को अधिकतम आठ एकड़ भूमि के लिए डीजल अनुदान दिया जाएगा।
अन्य प्रमुख घोषणाएँ
- खाद्यान्न अधिप्राप्ति गारंटी: वित्तीय वर्ष 2024-25 में रबी एवं खरीफ मौसमों के लिए खाद्यान्न की अधिप्राप्ति के लिए बिहार राज्य खाद्य एवं असैनिक आपूर्ति निगम को 1200 करोड़ रुपये की राज्य सरकार गारंटी दी गई है। इसके अलावा, चना और मसूर की अधिप्राप्ति न्यूनतम समर्थन मूल्य पर भारतीय राष्ट्रीय उपभोक्ता सहकारी संघ को भी नामित किया गया है।
- निजी नलकूप योजना: राज्य में कुल 35 हजार निजी नलकूप लगाने की स्वीकृति कैबिनेट ने दी है। इन नलकूपों से पौने दो लाख हेक्टेयर भूमि में सिंचाई की सुविधा उपलब्ध हो पाएगी। इस योजना के लिए 266 करोड़ रुपये की स्वीकृति दी गई है।
सिंचाई के लिए अनुदान दरें
- धान का बिचड़ा बचाने एवं जूट के लिए: अधिकतम दो सिंचाई के लिए 1500 रुपये प्रति एकड़ की दर से अनुदान मिलेगा।
- धान, मक्का और अन्य खरीफ फसलों के लिए: अधिकतम तीन सिंचाई के लिए 2250 रुपये प्रति एकड़ की दर से अनुदान दिया जाएगा।
पात्रता
इस योजना का लाभ उन सभी किसानों को मिलेगा जिनके पास कृषियोग्य भूमि हो। सरकार की इस पहल से न केवल किसानों को राहत मिलेगी, बल्कि फसलों की उत्पादन क्षमता भी बढ़ेगी और राज्य की कृषि अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी।