1 जुलाई 2024 से, Reserve Bank of India (RBI) एक नया नियम लागू करने जा रही है जिसके तहत सभी credit card bill payments को Bharat Bill Payment System (BBPS) के माध्यम से ही प्रॉसेस किया जाएगा। इस कदम का उद्देश्य credit card bill payments को streamline करना है, जिससे केंद्रीय बैंक को पेमेंट ट्रेंड्स और fraudulent transactions पर बेहतर निगरानी रखने में मदद मिलेगी।
ये हैं अभी Non-Compliant Banks
इस वक्त कई प्रमुख बैंक जैसे HDFC Bank, ICICI Bank, और Axis Bank ने अभी तक credit card bill payments के लिए BBPS को एक्टिवेट नहीं किया है। ये बैंक मिलकर 5 करोड़ से ज्यादा क्रेडिट कार्ड्स जारी कर चुके हैं, और उनका non-compliance fintechs के लिए एक बड़ी चुनौती बन सकता है।
पेमेंट्स इंडस्ट्री ने इस नए नियम को लागू करने के लिए 90 दिनों की एक्स्टेंशन माँग की है। यह एक्स्टेंशन बैंकों और fintech कंपनियों को उनके सिस्टम को BBPS के साथ इंटीग्रेट करने के लिए अतिरिक्त समय देगा और 30 जून के बाद seamless ऑपरेशन सुनिश्चित करेगा।
Economic Times की रिपोर्ट के अनुसार, कुल 34 बैंकों में से सिर्फ 8 बैंक, जो क्रेडिट कार्ड्स जारी करते हैं, ने BBPS पर बिल पेमेंट्स को एक्टिवेट किया है। इनमें शामिल हैं:
- SBI Card
- BoB Card
- IndusInd Bank
- Federal Bank
- Kotak Mahindra Bank
इन बड़ी बैंक के कस्टमर्स को दिक़्क़त
प्रमुख बैंक जैसे HDFC Bank, ICICI Bank, और Axis Bank ने अभी तक BBPS को एक्टिवेट नहीं किया है, जिससे fintech कंपनियों को क्रेडिट कार्ड पेमेंट्स प्रॉसेस करने में दिक्कत हो सकती है।
प्रभावित होंगे PhonePe, Cred जैसे प्लेटफार्म।
PhonePe और Cred जैसी fintech कंपनियाँ सीधे तौर पर इस नए नियम से प्रभावित होंगी। BBPS के सदस्य होने के नाते, ये क्रेडिट कार्ड पेमेंट्स प्रॉसेस नहीं कर पाएंगी अगर बैंक non-compliant हैं। इससे इनका user base और transaction volumes प्रभावित हो सकता है।
BillDesk और Infibeam Avenues को भी आएगी दिक़्क़त
PhonePe और Cred की तरह, BillDesk और Infibeam Avenues को भी क्रेडिट कार्ड पेमेंट्स प्रॉसेस करने में चुनौतियाँ आ सकती हैं। इन्हें बैंकों के साथ मिलकर BBPS इंटीग्रेशन प्रोसेस को शीघ्रता से पूरा करना होगा ताकि सर्विस डिसरप्शन कम से कम हो।
RBI ने नया नियम लाया क्यों ?
RBI के इस निर्देश का उद्देश्य पेमेंट ट्रेंड्स में बेहतर विजिबिलिटी प्राप्त करना है और fraudulent transactions को ट्रैक और हल करने की क्षमता को बढ़ाना है। BBPS के माध्यम से सभी क्रेडिट कार्ड बिल पेमेंट्स को रूट करके, RBI अधिकाधिक ट्रांसपेरेंसी और निगरानी सुनिश्चित कर सकती है, जिससे पेमेंट ईकोसिस्टम अधिक सुरक्षित और efficient बनेगा।
Timeline ओर चल रही चर्चा
पेमेंट्स इंडस्ट्री ने tight deadline को लेकर चिंता जताई है और 90 दिनों की एक्स्टेंशन की मांग की है। यह अतिरिक्त समय बैंकों और fintech कंपनियों को नए नियमों के लिए अनुकूलित करने और centralized billing network की ओर एक smooth ट्रांजिशन सुनिश्चित करने में मदद करेगा।