केंद्र सरकार पुश-पुल तकनीक की 165 अमृत भारत ट्रेनें चलाने की तैयारी में है। इन ट्रेनों में स्लीपर और जनरल कोच होंगे, जिससे मेल-एक्सप्रेस ट्रेनों की तुलना में यात्रियों को बेहतर सुविधाएं मिल सकेंगी। रेलवे बोर्ड ने वित्तीय वर्ष 2024-25 और 2025-26 के लिए लगभग 10,000 स्लीपर और जनरल श्रेणी के कोच उत्पादन योजना को मंजूरी दी है।
कोच उत्पादन की योजना
रेलवे बोर्ड के अनुसार, 2024-25 में 4,485 स्लीपर और जनरल कोचों का उत्पादन किया जाएगा, जबकि अगले वित्तीय वर्ष 2025-26 में इस संख्या को बढ़ाकर 5,444 किया जाएगा। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि एसी-3 श्रेणी के अलावा, स्लीपर और जनरल श्रेणी में यात्रियों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। मांग और आपूर्ति के अंतर को पाटने के लिए नॉन एसी कोचों का बड़े पैमाने पर उत्पादन किया जाएगा।
अमृत भारत ट्रेन की विशेषताएं
अमृत भारत ट्रेन में पुश-पुल तकनीक का उपयोग किया जाएगा, जिससे ट्रेन की अधिकतम गति 130 किलोमीटर प्रति घंटा होगी। इन ट्रेनों में नए डिजाइन के नॉन एसी जनरल और स्लीपर कोच होंगे। प्रत्येक ट्रेन में दो इंजन (आगे और पीछे) लगाए जाएंगे, जिससे ट्रेनों की रफ्तार और स्थिरता में सुधार होगा। इसके साथ ही प्रीमियम रफ़्तार के साथ लोगों को इसका किराया काफ़ी कम देना होगा। है इस कारण यह ट्रेन राजधानी और तेजस एक्सप्रेस जैसे ट्रेनों की सस्ती विकल्प बनेगी।
भविष्य की योजनाएं
रेल मंत्री वैष्णव ने बताया कि भविष्य में अमृत भारत ट्रेन की संख्या बढ़ाई जाएगी, जिससे इन ट्रेनों को देशभर में चलाया जा सकेगा। वर्तमान वित्तीय वर्ष में 1,181 जनरल और स्लीपर कोचों का उत्पादन किया जाएगा। इसके अलावा, 55 अमृत भारत पेंट्रीकार भी बनाई जाएंगी। वर्ष 2025-26 में नॉन एसी कोचों की संख्या बढ़ाकर 2,362 की जाएगी और 110 पेंट्रीकार का उत्पादन होगा।
अमृत भारत ट्रेन का सफर मेल-एक्सप्रेस ट्रेन की तुलना में कहीं बेहतर साबित होगा। रेलवे की इस पहल से जनरल और स्लीपर कोचों की कमी को दूर किया जा सकेगा और यात्रियों को अधिक सुविधाजनक और आरामदायक यात्रा का अनुभव मिलेगा।