उत्तरी भारत में भारी बारिश ने कहर बरपाया है। उत्तर प्रदेश, बिहार, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश और असम समेत कई राज्य बाढ़ से प्रभावित हो चुके हैं। सबसे ज्यादा खराब स्थिति उत्तराखंड में देखी जा रही है।
ट्रेन सेवाएं बाधित
हल्द्वानी की गौला नदी ने खतरे की सीमाओं को लांघ दिया है और रेलवे स्टेशन तक जा पहुंची है। पूरे हल्द्वानी रेलवे स्टेशन में पानी भर गया है, जिससे ट्रेनों का संचालन प्रभावित हुआ है। कुछ ट्रेनें रद्द कर दी गई हैं और बाकी के रूट में बदलाव किया गया है।
72 घंटे की लगातार बारिश
कुमाऊं क्षेत्र में पिछले 72 घंटे से बिना रुके बारिश हो रही है। जहां पहाड़ों में नदियां उफान पर हैं, वहीं मैदान तालाब बन गए हैं। लालकुआं रेलवे स्टेशन में इतना पानी भर गया है कि ट्रेनों का संचालन रोकना पड़ा है। हल्द्वानी रेलवे स्टेशन की तरफ भी गौला नदी कटान कर रही है, जिससे प्लेटफार्म नंबर दो खतरे में आ गया है।
ट्रेनों का रूट मे बदलाव
काठगोदाम, हल्द्वानी और लालकुआं से चलने वाली ट्रेनों को पंतनगर स्टेशन से चलाने का फैसला लिया गया है। लालकुआं होते हुए हल्द्वानी और काठगोदाम पहुंचने वाली ट्रेनों को पंतनगर और रुद्रपुर स्टेशनों पर रोका जा रहा है। लालकुआं स्टेशन के चार प्लेटफार्म बारिश के पानी से लबालब हो चुके हैं।
हल्द्वानी स्टेशन के स्टेशन अधीक्षक चयन राय के अनुसार, काठगोदाम से दिल्ली वापस आने वाली संपर्क क्रांति और शताब्दी एक्सप्रेस को रूद्रपुर स्टेशन पर रोका गया है। हावड़ा से आने वाली बाघ एक्सप्रेस को भी रुद्रपुर सिटी स्टेशन पर ही रोका गया है। रेलवे और आपदा प्रबंधन के अधिकारी हालात पर पैनी नजर बनाए हुए हैं।
गौला नदी के कटाव को रोकने के लिए कुछ जेसीबी मशीनों को नदी में उतारा गया है, लेकिन तेज बहाव की वजह से कोई खास काम नहीं हो पा रहा है। हल्द्वानी के सिटी मजिस्ट्रेट एपी वाजपेई के मुताबिक, पहाड़ों में लगातार हो रही बारिश के कारण गौला का जलस्तर बढ़ रहा है और अगर बारिश यूं ही चलती रही तो स्थिति और भी गंभीर हो सकती है।