यूपी को पीछे छोड़ने की तैयारी में बिहार, मिलने वाले हैं 5 नए एक्सप्रेसवे
देश के एक्सप्रेसवे नेटवर्क में यूपी का नंबर पहला आता है, लेकिन बिहार भी अब इस दिशा में बड़े कदम बढ़ा रहा है। राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) ने बिहार में 5 नए एक्सप्रेसवे बनाने का प्रस्ताव दिया है, जिसे मंजूरी मिल चुकी है। जल्द ही इनका निर्माण कार्य शुरू हो सकता है। ये एक्सप्रेसवे राज्य के भीतर कनेक्टिविटी को बेहतर बनाने के लिए बनाए जा रहे हैं।
बिहार को मिलेगा 2025 किलोमीटर का नया एक्सप्रेसवे नेटवर्क
NHAI के प्रस्ताव के तहत, बिहार में कुल 2025 किलोमीटर लंबा एक्सप्रेसवे नेटवर्क बनाया जाएगा। इस समय देशभर में करीब 44 एक्सप्रेसवे ऑपरेशनल हैं, जबकि 10 से ज्यादा का निर्माण चल रहा है और 20 नए एक्सप्रेसवे का प्रस्ताव भी भेजा जा चुका है। इनमें से 5 एक्सप्रेसवे बिहार को मिलेंगे, जिससे 6 से ज्यादा जिलों को फायदा होगा।
3 राज्यों को जोड़ेंगे 2 बड़े एक्सप्रेसवे
बिहार में बनने वाले 5 में से 3 एक्सप्रेसवे ऐसे हैं जो कई राज्यों को जोड़ेंगे। सबसे बड़ा रक्सौल-हल्दिया एक्सप्रेसवे है, जो 650 किलोमीटर लंबा होगा और बिहार, झारखंड तथा पश्चिम बंगाल को जोड़ेगा। इसके अलावा, 607 किलोमीटर लंबा गोरखपुर-सिलीगुड़ी एक्सप्रेसवे भी बिहार से गुजरते हुए यूपी और पश्चिम बंगाल को जोड़ेगा।
दरभंगा को मिलेंगे दो नए एक्सप्रेसवे
दरभंगा जिले को भी बड़ी सौगातें मिलने वाली हैं। यहां से दो एक्सप्रेसवे निकाले जाएंगे – अमस-दरभंगा एक्सप्रेसवे (189 किलोमीटर) और औरंगाबाद-दरभंगा एक्सप्रेसवे (271 किलोमीटर)। इस तरह दरभंगा जिले को कुल 460 किलोमीटर का एक्सप्रेसवे नेटवर्क मिलेगा, जिससे यहां की कनेक्टिविटी में बड़ा सुधार आएगा।
राज्य के अंदर बनेगा सबसे लंबा एक्सप्रेसवे
बिहार में बक्सर और भागलपुर के बीच सबसे बड़ा एक्सप्रेसवे बनाने का भी प्रस्ताव है। यह एक्सप्रेसवे करीब 308 किलोमीटर लंबा होगा, जो राज्य के भीतर बेहतर कनेक्टिविटी सुनिश्चित करेगा। कुल मिलाकर, बिहार में 5 नए एक्सप्रेसवे के निर्माण से राज्य में 2000 किलोमीटर से ज्यादा लंबी सड़क बनेगी, जो यहां की आर्थिक और सामाजिक विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।