कोरोना महामारी के बाद से संपत्तियों के दाम तेजी से बढ़ रहे हैं। इसके चलते निम्न और मध्यवर्ग के लोगों के लिए घर खरीदना मुश्किल होता जा रहा है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के साथ हुई बैठकों में आवास क्षेत्र से जुड़े लोगों ने इस पर चिंता जताई है और बजट में रियायतें देने की मांग की है।
प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत सब्सिडी बढ़ाने की मांग
फिलहाल, प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत घर खरीदने पर अधिकतम 2.67 लाख रुपये की सब्सिडी मिलती है। लोग चाहते हैं कि इस सब्सिडी को बढ़ाया जाए ताकि प्रॉपर्टी के बढ़े दामों का बोझ कम हो सके।
किफायती आवास की जीएसटी रियायत
किफायती आवास के तहत 45 लाख तक के फ्लैट और घर खरीदने पर मात्र एक प्रतिशत जीएसटी लगता है। मांग की जा रही है कि मेट्रो सिटी में यह सीमा 65 लाख और गैर-मेट्रो सिटी में 50 लाख तक हो। संभावना है कि इस बार के बजट में यह सीमा बढ़ाई जा सकती है।
होम लोन पर आयकर छूट
वर्तमान में आयकर अधिनियम की धारा 80सी के तहत डेढ़ लाख रुपये की छूट मिलती है, जिसे बढ़ाकर ढाई लाख किए जाने की मांग की जा रही है। आवास ऋण पर धारा 24बी के तहत दो लाख की छूट है, जिसे बढ़ाकर तीन से चार लाख रुपये किए जाने की संभावना है।
रियल एस्टेट को उद्योग का दर्जा
रियल एस्टेट कारोबारी चाहते हैं कि संपत्ति बाजार में निवेश को बढ़ावा देने के लिए इसे उद्योग का दर्जा दिया जाए। इससे करों से जुड़ी छूट और एकल खिड़की व्यवस्था से परियोजना को मंजूरी मिलने की प्रक्रिया आसान हो जाएगी।