केरल के वायनाड जिले में 29 जुलाई को हुई भयावह भूस्खलन की घटना में अब तक 106 लोगों की मौत हो चुकी है। भूस्खलन से प्रभावित क्षेत्रों में सेना और राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (NDRF) की टीमें जान जोखिम में डालकर राहत और बचाव कार्य में जुटी हुई हैं।
भूस्खलन की भयावहता
भूस्खलन की घटना सुबह करीब 11 बजे हुई, जब भारी बारिश के कारण पहाड़ी का एक बड़ा हिस्सा ढह गया। भूस्खलन ने पेट्टिमुडी और राजमाला पंचायतों के कई गांवों को अपनी चपेट में ले लिया। भूस्खलन से कई घर, स्कूल और अन्य इमारतें तबाह हो गईं।
रेस्क्यू ऑपरेशन
भूस्खलन की घटना के तुरंत बाद, सेना और NDRF की टीमें बचाव कार्य में जुट गईं। टीमें मलबे के नीचे फंसे लोगों को निकालने के लिए दिन-रात काम कर रही हैं। रेस्क्यू ऑपरेशन बेहद चुनौतीपूर्ण है, क्योंकि भूस्खलन से प्रभावित क्षेत्र दुर्गम है और मलबा बहुत भारी है।
जान पर खेलकर रेस्क्यू
सेना और NDRF के जवान जान पर खेलकर रेस्क्यू ऑपरेशन में लगे हुए हैं। वे मलबे के नीचे फंसे लोगों तक पहुंचने के लिए खतरनाक ढलानों पर चढ़ रहे हैं और भारी मशीनरी का उपयोग कर रहे हैं। कई जवानों को रेस्क्यू ऑपरेशन के दौरान चोटें भी आई हैं।
मृतकों की संख्या में वृद्धि
भूस्खलन के बाद से मृतकों की संख्या लगातार बढ़ रही है। शुरुआत में 20 लोगों की मौत की खबर थी, लेकिन अब तक 106 लोगों के शव बरामद किए जा चुके हैं। अधिकारियों का मानना है कि मृतकों की संख्या और बढ़ सकती है, क्योंकि कई लोग अभी भी मलबे के नीचे फंसे हुए हैं।
प्रभावितों की मदद
सरकार भूस्खलन से प्रभावित लोगों की हर संभव मदद कर रही है। प्रभावित परिवारों को अस्थायी आश्रय, भोजन और पानी उपलब्ध कराया जा रहा है। सरकार ने मृतकों के परिजनों को मुआवजा देने की भी घोषणा की है।