क्या आप जानते हैं कि बचत खाते में नकद जमा और निकासी के लिए कुछ नियम होते हैं? अगर आप इनका पालन नहीं करते हैं, तो आपको जुर्माना लग सकता है या पूछताछ की जा सकती है। इसलिए यह जरूरी है कि आप इन नियमों के बारे में जानें ताकि आप कोई गलती ना करें।
बचत खाते में नकद जमा करने और निकालने के नियम
हर किसी का किसी न किसी बैंक में बचत खाता होता है। हम सभी महिलाएं बचत खाते का इस्तेमाल करती हैं। आपका बचत खाता भी UPI ट्रांजेक्शन से जुड़ा होगा। कई बार आप इस खाते में नकद जमा करते होंगे या एक साथ बड़ी रकम निकालते होंगे। लेकिन क्या आप जानते हैं कि इसके लिए भी कुछ नियम होते हैं, जो आयकर विभाग के नियमों के अंतर्गत आते हैं। इनका पालन करना जरूरी है ताकि आपको किसी परेशानी का सामना ना करना पड़े।
जमा करने और निकालने के नियम
आयकर नियमों के अनुसार, बचत खाते में नकद जमा करने की एक सीमा होती है। एक निश्चित अवधि में आप कितनी नकद राशि बैंक खाते में जमा कर सकते हैं, इसकी एक सीमा होती है। यह सीमा नकद लेनदेन पर नजर रखने के लिए बनाई गई है ताकि मनी लॉन्ड्रिंग, टैक्स चोरी और अन्य अवैध वित्तीय गतिविधियों को रोका जा सके।
अगर आप एक वित्तीय वर्ष में 10 लाख रुपये या उससे अधिक जमा करते हैं, तो इसके बारे में आयकर विभाग को जानकारी देनी होगी। हालांकि, अगर आपके पास करेंट खाता है, तो यह सीमा 50 लाख रुपये है। इन सीमाओं से ऊपर के लेनदेन की रिपोर्ट वित्तीय संस्थानों द्वारा आयकर विभाग को देनी होती है।
धारा 194A के अंतर्गत नियम
अगर आप एक वित्तीय वर्ष में अपने बचत खाते से 1 करोड़ रुपये से अधिक निकालते हैं, तो उस पर 2% टीडीएस (टैक्स डिडक्टेड एट सोर्स) काटा जाएगा। जो लोग पिछले तीन वर्षों से ITR (इनकम टैक्स रिटर्न) फाइल नहीं कर रहे हैं, उन पर 20 लाख रुपये से अधिक की निकासी पर भी 2% टीडीएस काटा जाएगा।
अगर ऐसे लोग एक वित्तीय वर्ष में 1 करोड़ रुपये निकालते हैं, तो उन पर 5% टीडीएस लगाया जाएगा। धारा 194N के तहत काटे गए टीडीएस को आय के रूप में वर्गीकृत नहीं किया जाता है, लेकिन आप इसे ITR फाइल करते समय क्रेडिट के रूप में इस्तेमाल कर सकते हैं।
धारा 269ST के अंतर्गत नियम
आयकर अधिनियम की धारा 269ST के तहत, अगर कोई व्यक्ति एक वित्तीय वर्ष में 2 लाख रुपये या उससे अधिक की नकद जमा करता है, तो उस पर जुर्माना लगाया जाएगा। हालांकि, बैंक से पैसा निकालने पर यह जुर्माना लागू नहीं होता है। लेकिन, एक निश्चित सीमा से अधिक निकासी पर टीडीएस काटा जाता है।