यूएई में नए कॉर्पोरेट टैक्स नियमों को लेकर कई गलतफहमियां हैं, खासकर फ्री ज़ोन में स्थित कंपनियों के बारे में। कई लोग सोचते हैं कि फ्री ज़ोन में होने के कारण उन्हें टैक्स नहीं देना होगा, लेकिन यह पूरी तरह सच नहीं है।
क्या कहना है टैक्स एक्सपर्ट्स का?
टैक्स विशेषज्ञ महार अफ़ज़ल के अनुसार, “सिर्फ फ्री ज़ोन में होने का मतलब यह नहीं है कि कंपनी को टैक्स से छूट मिल जाएगी। यह इस बात पर निर्भर करता है कि कंपनी किस तरह का काम कर रही है।”
कंपनी की स्थिति और गतिविधि मायने रखती है
इसलिए, कंपनियों को अपनी स्थिति और गतिविधियों की जांच करनी चाहिए कि क्या वे टैक्स छूट के लिए पात्र हैं या नहीं। यूएई का फेडरल टैक्स अथॉरिटी इस बारे में नियमित रूप से दिशानिर्देश और सेमिनार आयोजित करता है, खासकर छोटे और मध्यम आकार के व्यवसायों के लिए।
9% कॉर्पोरेट टैक्स
यूएई में 9% का कॉर्पोरेट टैक्स 1 जून, 2023 से शुरू होने वाले वित्तीय वर्षों के लिए लागू हो गया है। यह दुनिया के सबसे कम कॉर्पोरेट टैक्स में से एक है, जिससे देश व्यवसायों के लिए आकर्षक बना रहे।
फ्री ज़ोन में भी टैक्स रिटर्न भरना जरूरी
आईसीएआई दुबई के वाइस-चेयरमैन जय प्रकाश अग्रवाल के अनुसार, भले ही एक फ्री ज़ोन कंपनी सभी शर्तें पूरी करती हो और उसे टैक्स नहीं देना पड़े, लेकिन उसे टैक्स रिटर्न तो भरना ही होगा।
फ्री ज़ोन और मेनलैंड: क्या है अंतर?
डीपी वर्ल्ड के टैक्स प्रमुख आतिश शाह बताते हैं कि फ्री ज़ोन में कुछ खास गतिविधियों में लगी कंपनियों को टैक्स में छूट मिल सकती है। लेकिन अगर कंपनी उन गतिविधियों में शामिल नहीं है, तो उसे टैक्स देना पड़ सकता है।
आपके लिये सारांश
- फ्री ज़ोन में होने का मतलब यह नहीं है कि कंपनी को टैक्स से छूट मिल जाएगी।
- कंपनी की स्थिति और गतिविधि के आधार पर टैक्स देयता तय होगी।
- यूएई में 9% का कॉर्पोरेट टैक्स लागू है।
- फ्री ज़ोन कंपनियों को भी टैक्स रिटर्न भरना जरूरी है।