वैश्विक स्तर पर चल रहे बाजार में उथल-पुथल के बाद अब इसका सीधा असर भारतीय करेंसी पर भी दिखने लगा है। अमेरिकी डॉलर के मुकाबले भारतीय रुपया अब तक के सर्वकालिक निचले स्तर पर पहुंच चुका है।
5 अगस्त की गिरावट
5 अगस्त को भारतीय रुपया अमेरिकी डॉलर का मुकाबले गिरकर 84 रुपए पर बंद हुआ था। इसको लेकर आज विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने सरकार से सवाल भी उठाया और पॉलिसी की आलोचना की।
विदेशी इंपोर्ट महंगा
इसकी वजह से देश में विदेशी इंपोर्ट महंगा होगा और फल स्वरूप कई जगहों पर महंगाई देखने को मिल सकती है। खास कर के वह इलेक्ट्रॉनिक आइटम बहुत जल्द महंगे नजर आ सकते हैं, जो विदेशों से इंपोर्ट होते हैं।
विदेश में कमाने वाले लोगों के लिए अच्छी खबर
उन लोगों के लिए यह खुशी भरी खबर होगी जो लोग विदेश में कमाते हैं। मौजूदा समय में बड़े हुए विदेशी करेंसी के भाव के वजह से जब विदेश से लोग अपने घर परिवार में पैसे भेजेंगे तो उन्हें पहले के मुकाबले ज्यादा मिलेंगे। उदाहरण के लिए अगर कोई व्यक्ति संयुक्त अरब अमीरात से मौजूदा समय में भारत पैसे भेजता है तो उसे एक्सचेंज रेट के तौर पर एक अमीरात दिर्हाम के जगह 22.84 मिलेंगे जबकि पिछले दो सालों में यह लगभग ₹20 के आसपास था।