माइनिंग से मेटल तक के कारोबार में दिग्गज बिजनेसमैन अनिल अग्रवाल की कंपनी वेदांता ने अपनी वित्तीय स्थिति को और मजबूत करने के लिए एक नई योजना तैयार की है। कंपनी ने अपने ऊपर बकाए कर्ज का समय से पहले भुगतान करने का निर्णय लिया है, जिससे कंपनी को हर साल ब्याज में 1,000 करोड़ रुपये की बचत होने की उम्मीद है।
वेदांता के चीफ फाइनेंशियल ऑफिसर (CFO) अजय गोयल के अनुसार, इस वित्त वर्ष में समय से पहले कर्ज का भुगतान करने से वेदांता को लगभग 750 करोड़ रुपये की ब्याज की बचत होगी। अगले वित्त वर्ष से यह बचत बढ़कर सालाना 1,000 करोड़ रुपये तक पहुंच जाएगी।
वेदांता ने हाल ही में क्वालिफाइड इंस्टीट्यूशनल प्लेसमेंट (QIP) के जरिए 8,500 करोड़ रुपये का फंड जुटाया था। यह फंड अबू धाबी इन्वेस्टमेंट अथॉरिटी, गोल्डमैन सैश एएमसी, निप्पॉन म्यूचुअल फंड, एसबीआई म्यूचुअल फंड, यूटीआई म्यूचुअल फंड और आईसीआईसीआई म्यूचुअल फंड जैसे बड़े निवेशकों से मिला है। इस फंड का उपयोग वेदांता अपने पुराने कर्ज का समय से पहले भुगतान करने में करेगी।
जून तिमाही के अंत तक वेदांता के ऊपर ग्रॉस डेट 78,016 करोड़ रुपये का और नेट डेट 61,324 करोड़ रुपये का है। कर्ज का समय से पहले भुगतान करने से कंपनी को वित्तीय दबाव से राहत मिलेगी और ब्याज के बोझ को कम करने में मदद मिलेगी।
वेदांता के CFO का कहना है कि हाल ही में जुटाए गए फंड की ब्याज दरें 10% से कम हैं और प्रभावी ब्याज दर 9% के आस-पास रहने की उम्मीद है। इससे वेदांता को कर्ज की लागत को 9% तक नीचे लाने में मदद मिलेगी।
वेदांता ने जून तिमाही में शानदार परिणाम दर्ज किए हैं। कंपनी को इस वित्त वर्ष की पहली तिमाही में 5,095 करोड़ रुपये का शुद्ध मुनाफा हुआ है, जो कि पिछले वर्ष की समान तिमाही से 54% अधिक है। इस दौरान कंपनी की बिक्री दोगुनी से अधिक बढ़ गई है, जिससे कंपनी को अपने कर्ज का भुगतान करने में मदद मिली है।