बांग्लादेश में चल रहे राजनीतिक उथल-पुथल के बीच, कुछ बांग्लादेशी नागरिकों ने भारत में घुसपैठ करने की कोशिश की है। यह घटना बिहार के किशनगंज जिले से सटे पश्चिम बंगाल के इस्लामपुर सीमा के पास हुई, जहां कुछ बांग्लादेशी नागरिक भारत में शरण मांगने की कोशिश कर रहे थे।
क्या हुआ है? 📰
बांग्लादेश में चल रही अशांति और तख्ता पलट के बाद, कुछ बांग्लादेशी नागरिकों ने भारत में घुसपैठ करने की कोशिश की। वे बिहार के किशनगंज जिले से सटे पश्चिम बंगाल के इस्लामपुर सीमा के पास पहुंचे और भारत में शरण देने की मांग की। जैसे ही यह खबर बीएसएफ (सीमा सुरक्षा बल) के जवानों को मिली, वे तुरंत अलर्ट हो गए और मौके पर पहुंचकर स्थिति को संभाला। बीएसएफ ने उन लोगों को समझा-बुझाकर वापस भेज दिया और किशनगंज की सीमा पर सुरक्षा और भी कड़ी कर दी गई है।
सीमा पर सुरक्षा कड़ी 🚧
बांग्लादेश में तख्ता पलट के बाद, भारत के गृहमंत्रालय ने सीमावर्ती इलाकों में सुरक्षा बढ़ाने के निर्देश दिए थे। इसके चलते, बिहार के अररिया और किशनगंज जिलों में नेपाल और बांग्लादेश की सीमाओं पर चौकसी बढ़ा दी गई है। किशनगंज पुलिस निरंतर बीएसएफ और बंगाल पुलिस के साथ संपर्क में है, ताकि सीमा पर किसी भी प्रकार की घुसपैठ को रोका जा सके।
बांग्लादेश की राजनीतिक स्थिति 🌏
बांग्लादेश के प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देकर शेख हसीना भारत पहुंची हैं। उनके बेटे सजीब वाजेद जॉय ने बताया कि बांग्लादेश में लोकतंत्र बहाल होते ही शेख हसीना अपने देश लौटेंगी। जॉय ने यह भी कहा कि बांग्लादेश में चल रही अशांति में पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई का हाथ है।
हालांकि, शेख हसीना की वापसी के समय और स्थिति को लेकर अभी कोई स्पष्टता नहीं है। उनका कहना है कि उनके परिवार के सदस्य और अवामी लीग अपने देश को संकट में नहीं छोड़ेंगे। बहरहाल, अब नोबेल पुरस्कार विजेता मोहम्मद यूनुस बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के प्रमुख होंगे।