NPS वात्सल्य योजना सरकार की एक नई पहल है, जिसे बच्चों के वित्तीय भविष्य को सुरक्षित करने के उद्देश्य से शुरू किया गया है। आइए, इस योजना के बारे में विस्तार से समझते हैं:
🧒 NPS वात्सल्य योजना क्या है?
यह योजना राष्ट्रीय पेंशन योजना (NPS) का ही एक संस्करण है, जिसे विशेष रूप से बच्चों के लिए डिज़ाइन किया गया है। इस योजना के तहत माता-पिता या अभिभावक अपने नाबालिग बच्चों के नाम से एनपीएस खाता खोल सकते हैं और उनकी 18 साल की उम्र तक नियमित रूप से निवेश कर सकते हैं।
📊 खाते की विशेषताएँ:
- खाता खोलने की योग्यता: अब NPS खाता 18 साल से कम उम्र के बच्चों के लिए भी खोला जा सकता है।
- निवेश सीमा: माता-पिता 500 रुपये प्रति माह से लेकर 1.50 लाख रुपये प्रति वर्ष तक निवेश कर सकते हैं।
- खाते का संचालन: 18 साल की उम्र तक खाते का संचालन माता-पिता या अभिभावक करेंगे, इसके बाद खाता बालिग के नाम पर ट्रांसफर हो जाएगा।
- रिटर्न: विशेषज्ञों के अनुसार, यदि 5,000 रुपये प्रति माह का निवेश किया जाए तो 18 साल में लगभग 30.27 लाख रुपये का फंड जमा हो सकता है। यदि खाता 60 साल की उम्र तक जारी रहता है तो यह राशि 20.50 करोड़ रुपये तक हो सकती है।
🏦 खाते के विकल्प:
- सामान्य NPS में परिवर्तन: 18 साल के बाद खाते को सामान्य NPS खाते में बदलकर इसे 75 साल की उम्र तक जारी रखा जा सकता है।
- फंड का उपयोग: 18 साल की उम्र में बच्चा अपने खाते से पूरी धनराशि निकाल सकता है या इसे 60 साल की उम्र तक पेंशन के रूप में जारी रख सकता है।
- पोर्टेबिलिटी: नौकरी बदलने पर भी यह खाता जारी रहेगा और इसमें कोई बदलाव नहीं होगा।
💰 योजना के लाभ:
- लंबी अवधि का निवेश: इस योजना के माध्यम से माता-पिता बच्चों के लिए लंबी अवधि का वित्तीय सुरक्षा प्रदान कर सकते हैं।
- टैक्स लाभ: सेवानिवृत्ति के समय निधि का एक हिस्सा बिना टैक्स के निकाला जा सकता है।
- बड़ी राशि का निर्माण: लंबे समय तक निवेश करने से बड़ी धनराशि जमा की जा सकती है, जो भविष्य में बच्चे के लिए फायदेमंद साबित होगी।
📝 खाता कैसे खोलें:
एनपीएस खाता खोलने की प्रक्रिया सरल है। इसे eNPS की वेबसाइट पर जाकर ऑनलाइन खोला जा सकता है, या फिर किसी सरकारी या निजी बैंक में जाकर यह खाता खोला जा सकता है।
NPS वात्सल्य योजना बच्चों के वित्तीय भविष्य को सुरक्षित करने का एक बेहतरीन तरीका है। यह योजना लंबी अवधि में न केवल बच्चों को स्थिर वित्तीय सुरक्षा प्रदान करेगी, बल्कि उन्हें आत्मनिर्भर बनाने में भी मदद करेगी।