पिछले साल, तेलंगाना और आंध्र प्रदेश में आयकर विभाग ने कुछ कर्मचारियों को गलत तरीके से टैक्स छूट और कटौती का दावा करने के आरोप में पकड़ा था। इस साल भी विभाग ने इस मामले को गंभीरता से लिया है और अन्य कर्मचारियों पर भी निगरानी रखी जा रही है।
आयकर विभाग अब कंपनियों को भी चेतावनी दे रहा है कि वे अपने कर्मचारियों को फर्जी टैक्स छूट और कटौती का दावा करने से रोकें।
क्या कह रहा है आयकर विभाग?
आयकर विभाग ने कई कंपनियों को यह संदेश भेजा है कि उन्होंने देखा है कि कुछ कर्मचारियों ने टैक्स रिटर्न में गलत या संदिग्ध कटौती का दावा किया है। यह दावा आमतौर पर कर्मचारियों द्वारा फॉर्म 16 में दिखाई गई जानकारी के अतिरिक्त होता है।
विभाग ने पिछले एक साल में इलेक्ट्रॉनिक फाइलिंग के जरिए ऐसे mismatches को पहचानना शुरू किया है और कंपनियों को इसके बारे में जानकारी दी है।
कर्मचारियों को होने वाली समस्याएं
यदि आयकर विभाग यह पाता है कि किसी कर्मचारी ने गलत तरीके से टैक्स छूट या कटौती का दावा किया है, तो उस कर्मचारी को टैक्स की कमी के लिए नोटिस जारी किया जा सकता है। इसके अलावा, उस पर ब्याज और पेनल्टी भी लगाई जा सकती है।
यदि कंपनी ने सही तरीके से टीडीएस (टैक्स डिडक्टेड एट सोर्स) काटा और जमा किया है, तो वह इसके प्रमाण आयकर विभाग के सामने पेश कर सकती है और अपनी जिम्मेदारी से मुक्त हो सकती है।
गलतियां कैसे सुधारें?
अगर आपने गलत तरीके से टैक्स छूट या कटौती का दावा किया है, तो इसे ठीक करने का सबसे अच्छा तरीका है कि आप स्वयं आगे आकर अपनी गलती सुधारें।
अगर आपने गलत तरीके से रिटर्न फाइल किया है, तो आप एक संशोधित ITR (इन्कम टैक्स रिटर्न) फाइल कर सकते हैं। अगर समय सीमा समाप्त हो गई है, तो आप ITR-U (अपडेटेड इन्कम टैक्स रिटर्न) फाइल कर सकते हैं। ITR-U फाइल करने पर आपको अतिरिक्त टैक्स चुकाना पड़ सकता है।
कौन है जिम्मेदार?
आमतौर पर, अगर कंपनी ने टीडीएस काटने में सही तरीके से काम किया है और उसने कर्मचारियों द्वारा प्रस्तुत दस्तावेज़ों की सत्यता को ठीक से जांचा है, तो कंपनी को अतिरिक्त टैक्स, ब्याज, और पेनल्टी की जिम्मेदारी से मुक्त किया जा सकता है।
हालांकि, अगर आयकर विभाग को किसी कर्मचारी द्वारा गलत तरीके से की गई कटौती या छूट का पता चलता है, तो वह कर्मचारी की आय का पुनर्मूल्यांकन कर सकता है और कर्मचारी से भुगतान की मांग कर सकता है।
आयकर विभाग के इस कदम से कंपनियों और कर्मचारियों दोनों को सतर्क रहना होगा और सभी टैक्स कटौती और छूट के दावों को सटीक और सत्यापित करना आवश्यक होगा।