भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने पब्लिक सेक्टर बैंक, बैंक ऑफ महाराष्ट्र पर ₹1,27,20,000 की पेनल्टी लगाई है। यह जुर्माना बैंक द्वारा आरबीआई के निर्देशों का पालन नहीं करने के कारण लगाया गया है, जिसमें लोन सिस्टम ऑफर, साइबर सिक्योरिटी फ्रेमवर्क और केवाईसी (Know Your Customer) जैसे नियम शामिल हैं।
पेनल्टी का कारण
आरबीआई ने मार्च 2023 तक बैंक के फाइनेंशियल पोजिशन की जांच की और मई 2023 तक बैंक की सूचना प्रौद्योगिकी का भी निरीक्षण किया। इस जांच में पाया गया कि बैंक ने आरबीआई के निर्देशों का सही से पालन नहीं किया।
बैंक ने वर्किंग कैपिटल लिमिट के तहत कुछ उधार लेने वालों के मामलों में न्यूनतम बकाया कर्ज का तय फीसदी पूरा नहीं किया। इसके अलावा, बैंक फ्रॉड रिस्क मैनेजमेंट सिस्टम को सभी डिलिवरी चैनलों में लागू करने में विफल रहा। बैंक ने यूनिक कस्टमर आईडेंटिफिकेशन कोड के बजाय मल्टीपल कस्टमर आईडेंटिफिकेशन कोड जारी किए और कुछ छोटे खातों में ऑपरेशन की इजाजत दी, जो कि रेगुलेटरी जरूरतों को पूरा नहीं कर रहे थे।
आरबीआई का निर्णय
आरबीआई ने बैंक को नोटिस जारी कर स्पष्टीकरण मांगा था कि क्यों न बैंक पर जुर्माना लगाया जाए। नोटिस के जवाब और पर्सनल सुनवाई के बाद, आरबीआई ने पाया कि बैंक पर आरोप सिद्ध हो रहे हैं और उस पर जुर्माना लगाया जाना उचित है।
आरबीआई ने स्पष्ट किया कि यह पेनल्टी रेगुलेटरी अनुपालन में कमी के चलते लगाई गई है और इसका बैंक और उसके ग्राहकों के बीच किसी ट्रांजैक्शन या एग्रीमेंट की वैधता पर कोई असर नहीं पड़ेगा।