सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान ने हाल ही में अपनी हत्या का डर जताया है। उन्होंने मिस्र के पूर्व राष्ट्रपति अनवर सादात के उदाहरण को सामने रखते हुए कहा कि उन्हें भी इजरायल के साथ संबंधों को सामान्य बनाने के कारण मारे जाने का खतरा हो सकता है।
अनवर सादात की हत्या का उदाहरण
प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान ने अमेरिकी सांसदों से बातचीत के दौरान इस बात का जिक्र किया कि मिस्र के राष्ट्रपति अनवर सादात की 1981 में हत्या उनके द्वारा इजरायल के साथ किए गए शांति समझौते के कारण की गई थी। सादात ने 1979 में इजरायल के प्रधानमंत्री मेनाकेम बेगिन के साथ कैंप डेविड समझौते पर हस्ताक्षर किए थे, जिसके बाद उन्हें नोबेल शांति पुरस्कार मिला था। इस समझौते के कारण अरब राष्ट्र और मिस्र के कट्टरपंथी इस्लामवादी समूह नाराज हो गए थे और सादात की हत्या कर दी गई थी।
इजरायल के साथ शांति समझौते को लेकर चिंताएं
सऊदी प्रिंस को भी इस तरह की हत्या का डर सता रहा है। उन्होंने अमेरिकी सांसदों से यह सवाल किया कि सादात की हत्या के बाद अमेरिका ने उनकी सुरक्षा के लिए क्या कदम उठाए थे। मोहम्मद बिन सलमान ने इस बात पर भी जोर दिया कि इजरायल और अमेरिका के साथ संबंधों को मजबूत करना उनके देश के भविष्य के लिए महत्वपूर्ण है, लेकिन उन्हें अपनी जान की सुरक्षा को लेकर भी चिंता है।
मध्य पूर्व में चिंताएं बढ़ी
प्रिंस ने यह भी कहा कि सऊदी और मध्य पूर्व के लोग इस बारे में काफी चिंतित हैं। उन्होंने कहा कि इस्लाम के पवित्र स्थलों के रक्षक के रूप में उनका कार्यकाल सुरक्षित नहीं रहेगा, अगर वह इस क्षेत्र के सबसे महत्वपूर्ण मुद्दे को हल करने की कोशिश नहीं करते। हालांकि, उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि वह अमेरिका और इजरायल के साथ एक मेगा-डील करने का इरादा रखते हैं, जिसे वह अपने देश के भविष्य के लिए आवश्यक मानते हैं।