अप्रैल 2025 से, भारत में कारों के पीछे की सीट पर भी सीट बेल्ट पहनना अनिवार्य हो जाएगा। यह नियम आठ सीटों वाली गाड़ियों पर भी लागू होगा। इसके साथ ही, सीट बेल्ट और उससे जुड़ी एक्सेसरीज़ के लिए नए और सख्त गुणवत्ता मानक भी लागू किए जाएंगे।
क्यों किया जा रहा है ये बदलाव?
इस बदलाव का मकसद सड़क सुरक्षा को बेहतर बनाना है। 2019 से गाड़ियों के सामने की सीटों के लिए सीट बेल्ट अलार्म अनिवार्य कर दिया गया था, और अब इस नियम को पीछे की सीटों पर भी लागू किया जाएगा। इसके साथ ही, भारतीय मानकों के अनुसार सीट बेल्ट और उनके एंकर बनाने का नियम लागू किया जाएगा, जिससे गाड़ियों में सुरक्षा मानकों का पालन हो सके।
हादसों से जुड़े सबक
इस बदलाव की मांग तब तेज हो गई जब महाराष्ट्र के पालघर में उद्योगपति साइरस मिस्त्री की एक कार दुर्घटना में मृत्यु हो गई। इस घटना ने पीछे की सीट पर बैठे यात्रियों के लिए सीट बेल्ट पहनने की आवश्यकता को उजागर किया। इसके बाद सरकारों, पुलिस, और मोटर वाहन विभागों ने इस पर जागरूकता अभियान चलाया।
जुर्माने और नियमों का पालन
केंद्रीय मोटर वाहन नियमों की धारा 138(3) के तहत, सामने और पीछे दोनों सीटों पर सीट बेल्ट पहनना अनिवार्य है। इसका पालन न करने पर 1000 रुपये तक का जुर्माना लगाया जा सकता है। हालांकि, अभी तक पीछे की सीट पर सीट बेल्ट का इस्तेमाल बहुत कम देखा गया है।