ग्रेटर नोएडा के जेवर इलाके में बन रहे इंटरनेशनल एयरपोर्ट से कनेक्टिविटी को और मजबूत करने के लिए एक नया एक्सप्रेसवे बनाया जाएगा। एनएचएआई (राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण) ने इसके लिए सहमति दे दी है और इसका सर्वेक्षण भी पूरा हो चुका है। यह नया एक्सप्रेसवे नोएडा-ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेसवे के समानांतर होगा और इसका मुख्य उद्देश्य मौजूदा एक्सप्रेसवे पर वाहनों का दबाव कम करना है।
नया एक्सप्रेसवे: प्रमुख जानकारी
- लंबाई: 32 किलोमीटर (28 किलोमीटर नोएडा क्षेत्र में और 4 किलोमीटर एयरपोर्ट से लिंक के लिए)
- प्रमुख शहरों से कनेक्टिविटी: दिल्ली, हरियाणा, यूपी
- प्रमुख रूट: नोएडा-ग्रेटर नोएडा, लखनऊ, यमुना एक्सप्रेसवे, आगरा, अलीगढ़, मथुरा
- वाहनों का लाभ: रोजाना करीब 10 लाख से ज्यादा वाहन चालक इस रूट का उपयोग करेंगे
- लागत: 2,000 से 2,500 करोड़ रुपये (सेंट्रल और स्टेट गवर्नमेंट द्वारा वहन की जाएगी)
एक्सप्रेसवे से संभावित लाभ
- कम होगा जाम: नोएडा-ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेसवे पर वाहनों का दबाव कम होगा, जिससे रोजाना जाम की समस्या में सुधार होगा।
- बेहतर कनेक्टिविटी: हरियाणा और दिल्ली से यात्री बिना किसी रुकावट के जेवर एयरपोर्ट और यमुना एक्सप्रेसवे के माध्यम से आगरा, लखनऊ आदि शहरों तक आसानी से पहुँच सकेंगे।
- समय की बचत: नया एक्सप्रेसवे यात्रियों के लिए समय की काफी बचत करेगा क्योंकि उन्हें कम ट्रैफिक का सामना करना पड़ेगा।
- आर्थिक लाभ: परियोजना के बनने से रोजगार के नए अवसर भी उत्पन्न होंगे, साथ ही पर्यटन और व्यापारिक गतिविधियों में भी इजाफा होगा।
महत्वपूर्ण जानकारी एक नजर में
विवरण | जानकारी |
---|---|
लंबाई | 32 किलोमीटर |
रूट कनेक्टिविटी | दिल्ली, हरियाणा, नोएडा, जेवर एयरपोर्ट, लखनऊ |
वाहनों का लाभ | 10 लाख से अधिक प्रतिदिन |
लागत | ₹2,000 से ₹2,500 करोड़ |
कनेक्टिंग शहर | दिल्ली, फरीदाबाद, बल्लभगढ़, आगरा, लखनऊ |
इस एक्सप्रेसवे के बनने के साथ ही कालिंदी कुंज दिल्ली से जेवर एयरपोर्ट तक की दूरी महज 30 मिनट से 40 मिनट के बीच में पूरी कर ली जाएगी.