बिहार के नालंदा जिले में शिक्षा विभाग के बार-बार निर्देशों के बावजूद कई निजी स्कूल संचालक नियमों और कानूनों का पालन नहीं कर रहे थे। अब विभाग ने ऐसे 99 मान्यता प्राप्त निजी स्कूलों का रजिस्ट्रेशन रद्द करने का निर्णय लिया है, जिन्होंने अभी तक आधार बेस्ड इनरोलमेंट की एंट्री शुरू नहीं की है।
शिक्षा विभाग की सख्ती: क्यों लिया गया यह फैसला?
शिक्षा विभाग ने कई बार निर्देश जारी किए थे कि सभी निजी स्कूल अपने छात्रों का डेटा ई-शिक्षाकोष पोर्टल पर अपलोड करें। लेकिन इन स्कूलों ने न तो निर्देशों का पालन किया और न ही निर्धारित समय सीमा के भीतर डेटा अपलोड किया। इसके चलते शिक्षा विभाग ने इन स्कूलों का यू-डायस कोड और रजिस्ट्रेशन रद्द करने के लिए प्राथमिक शिक्षा निदेशक को शुक्रवार को पत्र लिखा है।
बच्चों के भविष्य पर संकट: मान्यता रद्द होने के प्रभाव
मान्यता रद्द होने के बाद इन स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों का भविष्य अनिश्चितता में पड़ सकता है। स्कूल बंद होने से उनकी पढ़ाई प्रभावित होगी और उन्हें नए स्कूलों में प्रवेश लेना पड़ेगा। यह स्थिति बच्चों और उनके अभिभावकों के लिए चिंता का विषय है।
क्या ये स्कूल मानकों के अनुसार चल रहे थे?
जिला शिक्षा पदाधिकारी राज कुमार ने बताया कि इन निजी स्कूलों में एक भी छात्र की एंट्री नहीं की गई है। ऐसे में यह सवाल उठता है कि क्या ये स्कूल शिक्षा विभाग के मानकों के अनुसार संचालित हो रहे थे या नहीं। अब इनकी विस्तृत जांच की जाएगी ताकि स्थिति स्पष्ट हो सके।
नालंदा में कुल निजी स्कूलों की संख्या
नालंदा जिले में कुल 639 निबंधित निजी विद्यालय संचालित हैं। इनमें से 99 निजी विद्यालयों ने अभी तक एक भी छात्र का डेटा अपलोड नहीं किया है। शिक्षा विभाग ने कई बार स्कूल के प्राचार्यों को निर्देश दिया और समय-समय पर रिमाइंडर भी भेजे, लेकिन निर्देशों का पालन नहीं हुआ।
शिक्षा विभाग के आदेश और आगे की कार्रवाई
- आदेश जारी: शिक्षा विभाग ने कई बार आदेश जारी किए, लेकिन स्कूलों ने अनदेखी की।
- समय सीमा: इस सप्ताह बुधवार तक डेटा अपलोड करने की समय सीमा दी गई थी।
- कार्रवाई शुरू: निर्देशों का पालन न होने पर अब रजिस्ट्रेशन रद्द करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।
अभिभावकों के लिए सलाह
अभिभावकों को चाहिए कि वे अपने बच्चों के स्कूल की स्थिति की जानकारी लें। यदि उनका स्कूल भी इस सूची में शामिल है, तो वे समय रहते अपने बच्चों के लिए वैकल्पिक व्यवस्था करें।