भूटान, जो अपनी अनूठी संस्कृति और पर्यावरण संरक्षण के लिए जाना जाता है, अब सतत विकास शुल्क (SDF) के माध्यम से पर्यटन को और अधिक सुदृढ़ कर रहा है। भूटान ने अपने पर्यटन को ‘उच्च मूल्य, निम्न मात्रा’ के सिद्धांत पर आधारित किया है। इसका उद्देश्य पर्यावरण और सांस्कृतिक धरोहरों की सुरक्षा करना है, जबकि पर्यटकों का स्वागत करना जारी रखना है।
क्या है सतत विकास शुल्क (SDF)?
भूटान ने पर्यटकों के लिए सतत विकास शुल्क लागू किया है। अंतरराष्ट्रीय पर्यटकों के लिए प्रति रात $100 और भारतीय पर्यटकों के लिए ₹1,200 का शुल्क रखा गया है। इस शुल्क का उद्देश्य देश की पर्यावरणीय संरचना और सांस्कृतिक धरोहरों को सुरक्षित रखना है, ताकि भूटान आने वाले पर्यटक केवल पर्यावरण-संवेदनशील पर्यटन का हिस्सा बनें।
बिना पर्यटकों की संख्या पर रोक
भूटान की Chief Marketing Officer, करिसा निमाह ने स्पष्ट किया कि सतत विकास शुल्क (SDF) के बावजूद, पर्यटकों की संख्या पर कोई सीमा नहीं है। भूटान की ‘उच्च मूल्य, निम्न मात्रा’ रणनीति के बावजूद, यहां पर्यटकों का स्वागत दिल से किया जाता है। 2019 में, भूटान ने 3,50,000 पर्यटकों का स्वागत किया, जो देश की जनसंख्या (750,000) के मुकाबले एक बड़ा आंकड़ा है।
क्यों भूटान ने अपनाई यह नीति?
भूटान ने हमेशा पर्यावरण और सांस्कृतिक संवेदनशीलता को प्राथमिकता दी है। भूटान ने कभी भी खुद को जनसमूह पर्यटन गंतव्य के रूप में स्थापित नहीं किया और न ही इसकी योजना है। इस नीति का उद्देश्य पर्यावरण पर पड़ने वाले दबाव को कम करना और संसाधनों का सतत उपयोग सुनिश्चित करना है। इस रणनीति के तहत भूटान उच्च गुणवत्ता वाले पर्यटन को बढ़ावा देता है, जहां कम पर्यटक आएं लेकिन उनका अनुभव उत्कृष्ट हो।
पर्यटन से भूटान को फायदा कैसे मिलेगा?
भूटान में पर्यटन अभी भी GDP का 5% से भी कम हिस्सा बनाता है, लेकिन भूटान इस सेक्टर को धीरे-धीरे बढ़ाने की योजना बना रहा है। अधिकांश पर्यटक भारत, अमेरिका और यूके से आते हैं, और भूटान अब दोबारा आने वाले पर्यटकों की संख्या बढ़ाने की दिशा में काम कर रहा है।
करिसा निमाह का कहना है कि पर्यटकों को सिर्फ थिम्फू और पारो जैसी प्रमुख जगहों तक सीमित न रहकर भूटान के अन्य हिस्सों की सुंदरता को भी देखना चाहिए। भूटान की समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर और इसके कार्बन निगेटिव देश का दर्जा इसे एक अनूठा पर्यटन स्थल बनाता है।
‘माइंडफुलनेस सिटी’ की घोषणा
भूटान के राजा जिग्मे खेसर नामग्येल वांगचुक ने ‘माइंडफुलनेस सिटी’ नामक एक महत्वाकांक्षी परियोजना की घोषणा की है। इस प्रोजेक्ट के तहत, गिलेफू में एक नई सिटी बनाई जाएगी, जो भूटान के विकास में मदद करेगी और पर्यावरण-संवेदनशील व्यवसायों को आकर्षित करेगी। यह सिटी आने वाले 5-8 वर्षों में बनकर तैयार होगी।