पाकिस्तान ने अपने देश के नागरिकों के लिए विदेशों से वापसी वायुयान सेवा को 15 मई तक बढ़ा दिया है. यह वायुयान सेवाएँ सऊदी अरब संयुक्त अरब अमीरात क़तर कुवैत बहरीन ओमान यमन के साथ अन्य देशों से भी फँसे हुए पाकिस्तानी कामगारों को वापस लेकर आएगा.
कोरोना वायरस को रोकने के लिए 22 मार्च को अंतरराष्ट्रीय उड़ानों पर प्रतिबंध की वजह विदेशों में फंसे हजारों भारतीयों को वापस लाने के लिए मोदी सरकार ने शुक्रवार को तैयारी शुरू कर दी है। अगले महीने की शुरुआत में इन्हें विशेष विमानों से देश लाया जाएगा। इस मामले से जुड़े लोगों ने हिन्दुस्तान टाइम्स को बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वरिष्ठ मंत्रियों और अधिकारियों के साथ एक सप्ताह से इस मुद्दे पर चर्चा कर रहे थे। लोगों को कैसे लाया जाएगा, कहां रखा जाएगा और जांच से लेकर घर पहुंचाने तक की प्रक्रिया पर गहन चर्चा हुई है।
कैबिनेट सचिव राजीव गाबा ने इस प्रक्रिया के तहत शुक्रवार को पहला कदम उठाते हुए राज्यों सरकारों से कहा है कि राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन खत्म होने के बाद विदेशों में फंसे भारतीय विशेष विमानों से वापस लाए जाएंगे, इनके लिए अस्पतालों में बेड और क्वारंटाइन जोन की व्यवस्था की जाए। देश के सबसे वरिष्ठ नौकरशाह ने राज्यों के मुख्य सचिवों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में निर्देश दिए।
क्या खत्म होगा लॉकडाउन
3 मई से लॉकडाउन हटाया जाएगा या नहीं इस पर कोई आधिकारिक फैसला नहीं हुआ है, लेकिन सरकार ने जिस तरह से रिहायशी इलाकों में दुकानों को खोलने की इजाजत दी है उससे माना जा रहा है कि सरकार उसी दिशा में आगे बढ़ रही है।
इन राज्यों में आएंगे अधिक लोग
एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ”विदेश में फंसे भारतीयों को निकालने के लिए तैयारी शुरू करने का यह सही समय है। यह एक बहुत बड़ा मिशन होगा।” विदेश मंत्रालय ने वापस आने वाले लोगों के आंकलन के लिए प्रक्रिया शुरू की है। अधिकारियों का मानना है कि केवल फंसे हुए भारतीय ही नहीं बल्कि दूसरे लोग भी आना चाहेंगे। उदाहरण को तौर पर, केवल केरल सरकार का अनुमान है कि जब विमान सेवा का संचालन होगा तो 1 लाख लोग वापस आ सकते हैं। दिल्ली, महाराष्ट्र, पंजाब, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, गुजरात और तमिलाडु में बड़ी संख्या में लोगों के आने का अनुमान है। इसके लिए विदेश मंत्रालय में एक अलग कंट्रोल रूम स्थापित किया जा रहा है।
पहले सेना से संभाली थी जिम्मेदारी
फरवरी में जब देश में कोरोना वायरस केसों की शुरुआत हुई तो कई राज्य सरकारें तैयार नहीं थीं। विदेशों से आने वाले नागरिकों को अलग रखने की सुविधा भी नहीं थी। कोई मेडिकल और क्वारंटाइन सेंटर नहीं था। इसलिए सरकार ने चीन के वुहान से 600 से अधिक भारतीयों को वापस लाने और उनकी व्यवस्था की जिम्मेदारी सेना को सौंपी थी। अब केंद्र ने राज्य सरकारों को तैयारी करने के लिए कहा है। गाबा ने राज्य सरकारों को उन रूल्स के बारे में भी जानकारी दी है जिसके तहत इस पूरी प्रक्रिया को अंजाम दिया जाएगा।
14 दिन रहेंगे क्वारंटाइन में
राज्य सरकारों को बताया गया है कि लोगों को संबंधित राज्य के नजदीकी एयरपोर्ट पर उतारा जाएगा ताकि आंतरिक यात्रा कम हो। राज्यों से कहा गया है कि यात्रियों को सीधे क्वारंटाइन सेंटर में ले जाया जाएगा और उन्हें वहां कम से कम 14 दिनों तक रहना होगा।GulfHindi.com
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