क्या आपने कभी सोचा है कि भारत में ऐसा कौन सा राज्य है जहां रहकर भी आपको अपनी आय पर इनकम टैक्स नहीं भरना पड़ता है? हाँ, सही सुना आपने, सिक्किम देश का एकमात्र ऐसा राज्य है जिसे ‘Tax Free State’ के रूप में जाना जाता है। यहाँ के लोगों को टैक्स से पूरी तरह से छूट दी गई है, चाहे उनकी आय कितनी भी क्यों न हो।
क्यों है सिक्किम टैक्स फ्री?
सिक्किम को यह विशेष छूट भारत के आयकर अधिनियम की धारा 10(26AAA) के तहत प्राप्त है। इसका अर्थ है कि सिक्किम के मूल निवासियों को इनकम टैक्स नहीं भरना पड़ता। ये छूट सिर्फ इस राज्य के निवासियों को है, और इसे प्राप्त करने का एक खास प्रावधान है।
सिक्किम के विलय की विशेष शर्त
अब सवाल उठता है कि सिक्किम को इतनी बड़ी राहत क्यों दी गई है? इसे समझने के लिए हमें 1975 की ओर देखना होगा, जब सिक्किम भारत में विलय हुआ था। उस समय, सिक्किम को यह विशेषाधिकार इस शर्त पर मिला था कि उनका पुराना कानून और विशेष दर्जा बरकरार रहेगा। और यह दर्जा संविधान के आर्टिकल 371-एफ के तहत संरक्षित है।
धारा 10(26AAA) की विशेषता
धारा 10(26AAA) के अनुसार, सिक्किम के निवासी चाहे किसी भी प्रकार की आय से लाभ प्राप्त करें, वह टैक्स फ्री होती है। मतलब, अगर आप किसी निवेश, डिविडेंड या ब्याज से भी आय हासिल कर रहे हैं, तो भी आपको टैक्स नहीं भरना होता।
किन्हें मिलती है ये छूट?
यह छूट विशेष रूप से उन लोगों को मिलती है जो सिक्किम के भारत में विलय से पहले से वहां बसे हुए हैं। इस प्रावधान के तहत, वे लोग जिनका नाम 1961 के सिक्किम सब्जेक्ट्स रेगुलेशन्स के रजिस्टर में है या नहीं है, उन्हें आयकर से राहत मिलती है।
जानकारी रोचक है, है ना? भारतीय टैक्स व्यवस्था में यह अनोखा तथ्य सिक्किम को खास बनाता है। इससे न केवल यहाँ के लोगों को आर्थिक राहत मिलती है, बल्कि यह उनके ऐतिहासिक महत्व को भी बरकरार रखता है।